संवादाता धर्मचंद सारस्वत
भगवान का नाम जपने मात्र से ही मानव के अंदर बसे राक्षस का नाश हो जाता है। जहां ज्ञान होता है, वहां अपराध पनपता ही नहीं है। यह प्रवचन रविवार को खारड़ा के हरिराम जी मंदिर में आयोजित नौ दिवसीय राम कथा के पहले दिन ऋषिकेश से आए कथा व्यास हरिदास जी महाराज ने कही
श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि जहां प्रकाश होता है, वहीं भगवान का वास होता है। ज्ञान की पुंजि अगर हमारे पास हो तो अंधकार अपने आप दूर भाग जाता है। ये ज्ञान कथाओं और सत्संग से ही प्राप्त किया जा सकता है। कहा कि जिस समय तुलसीदास का आगमन हुआ उस समय भारत की धरती पर धर्म का लोप हो रहा था। शैव-वैष्णव में मारकाट मची हुई थी। समाज को दिशा देने के लिए महर्षि बाल्मीकि को ही तुलसी बनकर आना पड़ा।
कथा से पहले महिलाओं और बालिकाओं द्वारा 51 कलश के साथ गांव की मुख्य गलियों से होते हुए कथा स्थल तक कलश यात्रा निकाली गई।