
शहर भाजपा की जन आक्रोश सभा में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और आमजन की रही उपस्थिति

मुख्यमंत्री के पुतला दहन के साथ स्थानीय समस्याओं के शीघ्र समाधान हेतु दिया गया ज्ञापन
गहलोत सरकार को विधायकों से डरने वाली, कानून व्यवस्था को चौपट करने वाली और कुशासन को महिमा मंडित करने वाली सरकार के रूप में रखा जाएगा याद- अर्जुनराम मेघवाल
दोगली नीति और दोहरा चरित्र ही कांग्रेस सरकार को ले डूबेगा- स्वामी सुमेधानंद सरस्वती

बीकानेर । राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को अपने विधायकों से डरने वाली, कानून व्यवस्था को चौपट करने वाली और कुशासन को महिमा मंडित करने वाली सरकार के रूप में याद रखा जाएगा । गहलोत सरकार ने सभी कांग्रेसी विधायकों को मिनी मुख्यमंत्री के रूप में अति शक्तिशाली करते हुए भ्रष्टाचार की खुली छूट दे रखी है और मुख्यमंत्री केवल इसी उधेड़बुन में लगे हुए हैं की किस प्रकार से उनकी कुर्सी बच सकती है।
उपरोक्त विचार केंद्रीय संस्कृति और संसदीय कार्य राज्यमंत्री और बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल ने राजस्थान की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कुशासन, जंगलराज और आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे कुल चार वर्ष पूर्ण होने के विरोध में बीकानेर शहर भाजपा द्वारा मंगलवार को जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने कर्मचारी मैदान में आयोजित जन आक्रोश महासभा में मुख्य वक्ता के रूप में कार्यकर्ताओं और आमजन को संबोधित करते हुए व्यक्त किये ।
जन आक्रोश सभा के दौरान सभा स्थल पर बड़ी संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं और आमजन द्वारा राज्य की गहलोत सरकार के प्रति जबरदस्त आक्रोश व्यक्त किया गया और अशोक गहलोत मुर्दाबाद, कांग्रेस सरकार मुर्दाबाद के नारों से पूरे सभा स्थल को गुंजायमान कर दिया गया ।
केन्द्रीय मंत्री मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों द्वारा स्वैच्छिक इस्तीफ़ा देने का मामला संवैधानिक रूप से अवैध और सरकार की अस्थिरता से जुड़ा विषय है। अनिर्णय और अंतर्कलह की स्थिति के कारण राजस्थान में तय समय से पहले ही विधानसभा चुनाव संभव हैं। उन्होंने कहा कि जनता ने अंतर्कलह और कुशासन के लिए कांग्रेस को जनादेश नहीं दिया था ।
मेघवाल ने कहा कि गहलोत सरकार द्वारा लगातार प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी जी की लोकप्रियता को कम करने का प्रयास किया जा रहा है मगर भाजपा ने भी इस निकम्मी सरकार के खिलाफ कमर कसते हुए इसे उखाड़ फेंकने का संकल्प किया है । उन्होंने राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल द्वारा असंसदीय भाषा का प्रयोग करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने अभी तक भी अपने अमर्यादित बयान के लिए माफी नहीं मांगी है और सीना चौड़ा करके घूम रहे हैं।
सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सभी वर्गों को अंगूठा दिखाने का कार्य कर रहे हैं और इस सरकार की दोगली नीति और दोहरा चरित्र ही इसे ले डूबेगा।
सरस्वती ने कहा कि आए दिन अघोषित बिजली कटौती से छात्र, किसान सहित सभी वर्ग परेशान हैं, पूरे राज्य में अराजकता का माहौल है और जयपुर में रोज सरकार के खिलाफ धरने लग रहे हैं जो कि आम लोगों के आक्रोश का सीधा सीधा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने विधायकों पर विश्वास नहीं है और इसी कारण चार साल बीत जाने पर भी राज्य में पूर्णकालिक गृहमंत्री की नियुक्ति नहीं हुई है। श्री भैरोंसिंह शेखावत और श्रीमती वसुंधरा राजे की सरकार में राज्य को बीमारू श्रेणी से निकालकर विकसित राज्य की ओर अग्रसर किया गया था परंतु अशोक गहलोत के कुशासन ने राजस्थान को फिर से बीमारू बना दिया है।
केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाते हुए सरस्वती ने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार को किसानों की सूची ही उपलब्ध नहीं करवाई गई, आयुष्मान भारत का कार्ड देश में कहीं पर भी लागू है परंतु चिरंजीवी योजना सिर्फ राजस्थान में ही लागू हो सकती है। राज्य सरकार ने केंद्र की आवास योजना, शौचालय निर्माण, वन नेशन वन राशन, जल जीवन मिशन योजनाओं में भी छल करते हुए किसानों और मजदूरों से विश्वासघात किया ।
उन्होंने आरोप लगाया कि विभिन्न योजनाओं में गहलोत सरकार ने केंद्र के बजट का उपयोग तो कर लिया परन्तु खुद का हिस्सा नहीं दिया। इस सरकार को किसानों को ऋण माफी, बिजली कनेक्शन की सुविधा देनी थी, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देना था परंतु उनके साथ सिर्फ और सिर्फ धोखा किया गया । हिमाचल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों में ही अलग-अलग नीतियों की बात कहते हुए सरस्वती ने कहा कि हिमाचल में सरकार बनते ही पेट्रोल और डीजल पर चार प्रतिशत टैक्स बढ़ा दिया गया । उन्होंने कहा की कुर्सी की आपसी लड़ाई की वजह से राजस्थान में कभी भी मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं।
रानीवाड़ा विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण सिंह देवल ने कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार में प्रदेश में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है और जन आक्रोश सभाओं के माध्यम से भाजपा कुम्भकर्णी नींद में सोई कांग्रेस सरकार को जगाने का कार्य कर रही है।
विधायक देवल ने कहा कि कांग्रेस सरकार में खेत ही बाड़ को खा रही है और मुख्यमंत्री ने कांग्रेसी विधायकों को लूट और भ्रष्टाचार की खुली छूट दे रखी है। सरकार ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता और किसानों की ऋण माफी के वादे पर अव्यवहारिक शर्तें लगाकर वादाखिलाफी की है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं । कुल 18 बार परीक्षा पेपर लीक मामलों में सिर्फ छोटी मछलियों पर ही कार्यवाही की जा रही है जबकि सरकार में शामिल बड़े मंत्रियों और प्रभावशाली लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही।
बीकानेर पूर्व विधायक सुश्री सिद्धि कुमारी ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस राज में महिलाओं में असुरक्षा की भावना घर कर गई है और यह सरकार असंवेदनशील और हर मोर्चे पर विफल है। उन्होंने इंदिरा गांधी नहर का नाम एक बार फिर से इसकी स्थापना करने वाले महाराजा गंगा सिंह जी के नाम पर करने की मांग की ।

प्रदेश उपाध्यक्ष और बीकानेर संभाग प्रभारी माधोराम चौधरी ने कहा कि जन आक्रोश यात्राओं के दौरान इस निकम्मी और नाकारा कांग्रेस सरकार के खिलाफ गली गली में भयंकर आक्रोश का अनुभव किया गया और आने वाले विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी मजबूती के साथ परचम फहराएगी।
बीकानेर पूर्व विधानसभा जन आक्रोश यात्रा प्रभारी डॉ. बृजमोहन सहारण ने कहा कि जनता के आक्रोश को आवाज देने के लिए ही भाजपा द्वारा जन आंदोलन के रूप में जन आक्रोश सभाओं का आयोजन किया जा रहा है। किसानों को यूरिया उपलब्धता में भारी समस्या की बात रखते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार में राजस्थान के सभी निवासियों के चेहरों पर जन समस्याएं दिखती है और सरकार को किसी की भी फिक्र नहीं है।
महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने प्रदेश में महिला अत्याचार और दुष्कर्म की घटनाओं में बेहताशा वृद्धि की बात करते हुए कहा कि अपराधियों पर केवल दिखावे के लिए ही कार्यवाही की जाती है और पूरे राज्य में अफसरशाही बुरी तरह से हावी है। उन्होंने बीकानेर में स्थानीय काबीना मंत्री और राज्य सरकार की शह पर नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के बोर्ड में भेदभाव करने और विकास कार्य में रोड़े डालने का आरोप लगाया।
जन आक्रोश सभा को जिला संगठन प्रभारी ओम सारस्वत, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एड. मुमताज अली भाटी, जिला उपाध्यक्ष डॉ. भगवान सिंह मेड़तिया ने भी संबोधित करते हुए गहलोत सरकार के कुशासन और जंगलराज की जानकारी दी ।
जिला महामंत्री मोहन सुराणा ने सभा के आरम्भ में सभी अतिथियों का स्वागत किया।
जन आक्रोश सभा का संचालन जिला महामंत्री अनिल शुक्ला ने किया ।
राष्ट्रीय परिषद सदस्य विजय आचार्य ने सभा के अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया ।
जिला मंत्री और मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य ने बताया कि जन आक्रोश महासभा के पश्चात कलेक्टर कार्यालय के सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला दहन किया गया और सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती के नेतृत्व में शहर की विभिन्न स्थानीय समस्याओं के शीघ्र समाधान बाबत अतिरिक्त जिला कलेक्टर को महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया ।
मंगलवार को आयोजित जन आक्रोश महासभा में किसान मोर्चा प्रदेश महामंत्री जालम सिंह भाटी, महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, एड. मुमताज अली भाटी, राष्ट्रीय परिषद सदस्य विजय आचार्य, वरिष्ठ नेता गुमान सिंह राजपुरोहित, जिला संगठन प्रभारी ओम सारस्वत, पूर्व विधानसभा जन आक्रोश यात्रा प्रभारी डॉ. बृजमोहन सहारण, उपमहापौर राजेंद्र पंवार, पूर्व महापौर नारायण चोपड़ा, जिला महामंत्री मोहन सुराणा, अनिल शुक्ला, नरेश नायक, जिला उपाध्यक्ष एड. अशोक प्रजापत, गोकुल जोशी, सुषमा बिस्सा, महावीर रांका, जिला मंत्री अरुण जैन, जिला मंत्री और मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य, जिला मंत्री कौशल शर्मा, मंडल अध्यक्ष जेठमल नाहटा, चंद्रप्रकाश गहलोत, नरसिंह सेवग, अजय खत्री, विनोद करोल, अभय पारीक, कपिल शर्मा, दिनेश महात्मा, मुकेश ओझा, विजय मोहन जोशी, देवकिशन मारू, सुरेंद्र सिंह शेखावत, मो.रमजान अब्बासी, डॉ. सिद्धार्थ असवाल, डॉ. अशोक मीणा, हुकुमचंद सोनी, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष वेद व्यास, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष श्यामसुंदर चौधरी, ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष राजाराम सिगढ़, अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष उस्मान खलीफा, एससी मोर्चा जिलाध्यक्ष सोहनलाल चांवरिया, कार्यालय प्रभारी श्याम पंचारिया, पार्षद किशोर आचार्य, जितेंद्र सिंह भाटी ,रामदयाल पंचारिया, वीरेन्द्र करल, प्रतीक स्वामी, माणकलाल माहर, कांता भाटी, अनूप गहलोत, प्रदीप उपाध्याय, विजय सिंह राजपूत, श्याम सिंह हाडला, शिवकुमार रंगा, विजय उपाध्याय, कैलाश बापेउ, कर्नल हेम सिंह राजपुरोहित, विक्रम सिंह राजपुरोहित, सुशील आचार्य, संपत पारीक, मोहन पूनिया, नंदकिशोर गहलोत, गोपाल अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, जतिन सहल, सुधीर केवलिया, पुखराज स्वामी, सुरेश भसीन, गिरिराज सिंह चारण, कमल सेन, नितिन नाई, कमल कंवर तंवर, भारती अरोड़ा, विजय कुमार शर्मा विजय सिंह पड़िहार, नरेंद्र सिंह आबडसर, गोपाल अग्रवाल, सरिता नाहटा, इमरान उस्ता, मो. फारुख चौहान, मो. हुसैन डार, इमरान समेजा, राहुल पारीक, गिरिराज जोशी, बालकिशन व्यास, हेमराज जाजड़ा, प्रेम सिंह मेड़तिया, विकास पंवार, शिवशंकर मेघवाल, इमरान खान, नवरतन सिंह, राधा खत्री, मदन गोपाल सोनी, हुलास भाटी, अनु सुथार, इंदु वर्मा, राधा खत्री, चेतना भाटी, रोहित भारती, सुनील रामावत, सहित बड़ी संख्या में पार्टी के जिला, मंडल, मोर्चा, प्रकोष्ठ और बूथ स्तर के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और आमजन उपस्थित रहे ।