देश मे शांति ओर खुशहाली के लिये स्कूल की छात्रा 7 साल की नन्ही बच्ची सैय्यद इनाया ने रखा पहला रोजा
बीकानेर। मुसलमानों का पवित्र पर्व रमजान-उल-मुबारक महीना चल रहा हैं। इस पवित्र माह में रोजा रखने से बहुत ज्यादा सवाब मिलता है। बड़े बुजुर्ग और महिलाओं के साथ-साथ मासूम बच्चों में रोजा रखने का उत्साह देखते ही बन रहा है। मासूम बच्चे भी अपने रब को खुश करना चाह रहे हैं। बीकानेर निवासी मुंबई हलचल के पत्रकार सैय्यद अलताफ हुसैन की सात वर्षीय पुत्री सैय्यद इनाया ने अपना पहला रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हुए बारगाहे इलाही मे नन्हें नन्हें हाथो को दुआँ के लिए उठाए। विंग्स इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ती है। ओर अभी कक्षा 2 में 92.50% से पास कर फस्ट डिवीजन आई। स्कूल प्रिंसिपल ज्योति खत्री, स्कूल डारेक्टर नवरतन जी, सुमेर स्वामी,क्लास टीचर दीपिका, टयूशन टीचर मंजुलिका, दीक्षा मेडम ओर अंनु मेडम ने कहा हमारे लिये ये गर्व की बात है। ओर हमे बहुत खुशी है ओर उम्मीद है की अगले साल ओर अच्छा करेगी। कक्षा दो मे पढ़ने वाली सैय्यद इनाया ने कहा कि इस मुबारक महीने मे घरवालों को रोजा रखते व इफ्तार करते देख उसने रोजा रखने की जिद की ओर उसने रोजा रखा। यही नही इनाया ने रोजा रखकर बड़ो के साथ नमाज भी पढ़ी ओर शाम को अम्मी ओर दादी के साथ इफ्तारी बनाने मे भी हाथ बटाया। इनाया के रोजा रखने से पूरे घर मे खुशी का माहौल था ओर शाम को उसे, दादा अब्दुल वहाब(फोरमेन जी) दादी सायरा बानो, अब्बू अलताफ हुसैन, अम्मी सैय्यद रेहाना, बड़े पापा अब्दुल वाहिद, भुआ शमीम, नसीम, मामू रिजवान, इरफान, एवं भाई मोहम्मद मुदस्सिर सहित अन्य ने माला पहनाकर उसकी होंसला अफजाई की। इनाया ने 14 घंटे का रोजा रखा और शाम 7 बजे इफ्तार किया।