भगवान विष्णु के अवतार नृसिंह के प्राकट्य दिवस शहर के विभिन्न स्थानों पर श्रद्धापूर्वक मनाया गया । इस मौके पर लखोटियों का चौक,बिस्सों का चौक,लालाणी व्यासों का चौक,नत्थूसर गेट बाहर,जस्सूसर गेट के अंदर,नत्थूसर गेट,दम्माणी चौक,गोगागेट व दुजारियों की गली में नृसिंह भगवान की लीलाओं का मंचन किया गया। नृसिंह मंदिरों में पूजा अर्चना के साथ लोगों ने उपवास रखे। सभी स्थानों पर नृसिंह लीलाओं को देखने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। मेले में असत्य व सत्य के मध्य तीन युद्ध हुए जिसमें सत्य की विजय हुई और सूर्यास्त के बाद नृसिंह देव ने हिरण्याकश्यप का वध कर सत्य की विजय पताका फहराई। जिस पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा करते हुए हिरणा-कृष्णा गोविन्दा प्रह्लïाद भदे……., नृसिंह देव की जय के जयघोष लगाए और ढोल नगाड़े बजाकर खुशियां मनाई। शंख ध्वनि और घंटियोंं की टंकार के बीच भगवान नृसिंह की महाआरती की गई। श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण हुआ।वहीं धार्मिक परम्परानुसार हर आयु वर्ग का भक्त भगवान नृसिंह व प्रह्लïाद से आशीर्वाद ग्रहण कर रहा था। इस अवसर पर मंदिरों में पंचामृत व तुलसी,मिश्री पताशा के प्रसाद का वितरण भी किया गया। सुबह से ही नृसिंह मंदिरों में भक्तों की आवाजाही शुरू हो गई। रात्रि में मंदिरों में जागरणों के आयोजन हुए। मोहल्ले वासियों ने अपने घरों पर भी रोशनी कर मेले में चार चांद लगा दिये। विभिन्न स्थानों पर संपन्न हुए मेले को देखने के लिये घरों की छतों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा था। बरसाए कोडे, प्रहलाद को डराया नृसिंह चतुर्दशी पर पुराने शहर की गली मौहल्ले हिरणा किसना गोविंदा प्रहलाद भजै के स्वरों से गूंजते रहे। काले कपड़े और मुखौटा धारण किए तथा एक हाथ में कोडा लिए हिरण्यकश्यप जिस गली-मौहल्ले और चौक चौराहे सेे निकले कोडा बरसाते हुए निकले। लोगों ने हंसते-हंसते कोडों की मार सहन की। हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रहलाद को भी डराने का प्रयास किए। लीला मंचन स्थल पर भी हिरण्यकश्यप ने कोडे बरसाए व नृत्य किए। भक्त प्रहलाद को हर संभव डराने का प्रयास किया। भक्त प्रहलाद के अटूट विश्वास को कायम रखते हुए भगवान नृसिंह थंब से प्रकट हुए। लीला स्थल पर नृसिंह व हिरण्यकश्यप के मध्य कई बार युद्ध हुआ। सूर्यास्त के समय भगवान नृसिंह ने प्रतीकात्मक रुप से हिरण्यकश्यप का वध किया। इन्होंने निभाई भूमिकाएं लालाणी व्यास चौक में नवयकांत, रवि व्यास, स्नेह प्रकाश ने भक्त प्रहलाद, नृसिंह और हिरण्यकश्यप की भूमिकाएं निभाई।डागा चौक में रूद्र कल्ला भक्त प्रहलाद,बद्री रंगा ने नृसिंह अवतार व नवरतन बिस्सा ने हिरण्यकश्यप का रूप धरा तो लखोटिया का चौक में लोकेश व्यास नृसिंह,शरद हर्ष हरिण्य कश्यप,मनन व्यास भक्त प्रहलाद बने। वहीं बिन्नाणी चौक में युवराज नृसिंह,सचिन रंगा हरिण्यकश्यप तथा भूपेन्द्र नारायण भक्त प्रहलाद बने। कल्ला ने बजाये नगाड़े भगवान नृसिंह के प्राकटय दिवस पर आयोजित इन मेलों मेें हर आयु वर्ग के लोगों की भागीदारी बढ़ चढ़कर रहती है। इसमें राजनेता पीछे कहां रहने वाले है। शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जनार्दन कल्ला व वरिष्ठ उपाध्यक्ष कन्हैया लाल कल्ला ने डागा चौक में नगाड़े बजाकर जमकर आनंद उठाया। जिसे लोगों ने अपने कैमरों में कैद किया।