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भामाशाह श्रीडूंगरगढ़ निवासी कोलकाता प्रवासी भीखमचंदजी पुगलिया को महापुरुष समारोह समिति ने प्रदान किया तीर्थंकर भगवान महावीर सम्मान
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श्रीडूंगरगढ़ बीकानेर कस्बे के प्रतिष्ठित समाज सेवी एवं उदार भामाशाह भीखमचंद पुगलिया का रविवार को आचार्य श्री तुलसी महाप्रज्ञ साधना संस्थान के प्रांगण में नगर के गणमान्य जनों की उपस्थिति में शहर की सामाजिक संस्था महापुरुष समारोह समिति ने अपना तीर्थंकर भगवान महावीर सम्मान प्रदान किया। समारोह की अध्यक्षता पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डाॅ गुंजन सोनी ने की। अपने सम्बोधन मे डा सोनी ने कहा कि भीखमचंदजी जैसे उदारमना भामाशाहों के कारण यह भूमि अपनी पुण्य आभा बनाए हुए है। जिनकी वृत्ति विसर्जन की रहती है, वे तो अपना धन लगाते ही हैं, पर यहां अपनी जन्मभूमि पर धन लगाने की तो बात ही कुछ और है। आपने कहा कि बीकानेर स्थित पीबीएम अस्पताल देश का प्रमुख अस्पताल बने, निरंतर इस प्रयास में जुटे हुए हैं, इसमें भामाशाहों का योगदान अतुल्य है। 430 एकड़ में फैला यह चिकित्सालय उत्तम चिकित्सकीय टीम के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो भला करते हैं, उनका परमात्मा सब तरह का लाभ करते हैं।
सम्मान समारोह का प्रारंभ तेरापंथ धर्म संघ की साध्वी कुन्थूश्री के मंगलपाठ से हुई। उन्होंने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि अर्जन के साथ विसर्जन के महत्व को कोई कोई ही जानता है। कुछ ही व्यक्ति होते हैं जो परार्थ कार्य करते हैं। महाराणा प्रताप स्कूल की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए जैन श्वेताम्बर तेरापंथी विद्यालय के ट्रस्टी श्री पदमकुमार रायजादा कोलकाता ने कहा कि भीखमचंदजी का व्यक्तित्व बहुआयामी है। वे श्रीसम्पन्न श्रीडूंगरगढ़ की श्री बढानेवाले हैं। इनका एक ही ध्येय रहता है कि हर किसी की मदद की जाए। महापुरुष समारोह समिति ने सम्मान के लिए एक ऐसे व्यक्ति का चयन किया है जो सर्वप्रिय है। मुख्य अतिथि देशनोक नगरपालिका के अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश मूंधड़ा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से प्रेरणा मिलती है तथा नगर में सदभाव बढता है। भीखमचंदजी पुगलिया के कार्यकलाप हरेक के लिए अनुकरणीय है।
अपने सम्मान के अवसर पर श्री भीखमचंदजी पुगलिया ने कहा कि मेरा प्रयास रहता है कि मैं भगवान महावीर के मूल्यों और सिद्धांतों का सम्मान करूं। इस सम्मान ने मुझे और सोचने को बाध्य कर दिया है कि मेरा तन-मन-और धन समाज के और अधिक कैसे काम आए। मुझ पर मेरे गुरुओं तथा माता पिता का आशीर्वाद रहा है। मेरी माताजी किरणदेवी तथा धर्म पत्नी सुशीलादेवी सामाजिक कामों के लिए प्रेरित करती रहती हैं। समिति के अध्यक्ष श्री गोपाल राठी ने कहा कि पुगलिया जी के सम्मान से हमारी संस्था गौरवान्वित हुई है। समिति के मंत्री सुशील सेरड़िया ने संस्था कि रचनात्मक गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि हमें खुशी है कि संस्था का प्रथम सम्मान हम भीखमचंद जी पुगलिया को प्रदत्त कर रहे हैं । थानाधिकारी इन्द्रकुमार ने कहा कि ऐसे सम्मानों से श्रीडूंगरगढ़ की गरिमा का पता चलता है। पूर्व विधायक श्री गिरधारीलाल महिया, अमरचंदजी पुगलिया, श्रीमती सुशीलादेवी पुगलिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का शानदार संचालन साहित्यकार सत्यदीप ने किया तथा डाॅ चेतन स्वामी ने आभार ज्ञापित किया । इस अवसर पर तेरापंथ भवन के मंत्री मालचंद सिंघी खेतुलाल पुगलिया सुमेरमल पुगलिया व निर्मल पुगलिया विजय महर्षि जयपुर से भीखम चंद पुगलिया वरिष्ठ अधिवक्ता ललित कुमार मारू
नरेन्द्र डागा सत्यनारायण स्वामी जगदीश प्रसाद स्वामी सुनीता डागा सरिता राठी जुगराज संचेती विद्याधर शर्मा रामकिशन फूलभाटी तोलाराम पुगलिया सुरेश भादानी अशोक पारीक पाचीलाल सिंघी रामदेव बोहरा शिव स्वामी बजरंग लाल भोजक ललित बाहेती फूसराज पुगलिया सूर्य प्रकाश गांधी सुमेरमल डागा डा अंकित स्वामी डा एन पी मारू मातृशक्ति तथा गणमान्य जन विभिन्न संस्थाओं के कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।

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Prakash Samsukha

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