Bikaner Live

विधायक ताराचंद सारस्वत ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं भूजल विभाग मंत्री को नलकूप निर्माण के संबंध में लिखा पत्र
soni

बीकानेर, 17 जुलाई। श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं भूजल विभाग मंत्री को नलकूप निर्माण के संबंध में पत्र लिखा है।
विधायक ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 98 गांव एवं एक कस्बा आता है। विधानसभा क्षेत्र में सभी पेयजल योजनाएं भूजल आधारित हैं। जैसाकि आपको ज्ञात है कि प्रदेश में भूजल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है। श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कृषि का मुख्य उत्पादन मूंगफली का होता है। श्रीडूंगरगढ़ इस क्षेत्र में अग्रणी है। मूंगफली के उत्पादन के लिए श्रीडूंगरगढ़ में 14 हजार से ज्यादा कृषि कुएं हैं। जिनसे अत्यधिक जल-दोहन के कारण भूजल स्तर 150 मीटर से लेकर 300 मीटर तक चला गया है और कई गांवों में तो इससे भी अधिक है। लगातार गिरते भूजल स्तर के कारण पूर्व में बने नलकूप सूख रहे हैं, जिनके कारण आमजन को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके निवारण के लिए वर्तमान में लगातार नए नलकूपों की आवश्यकता बनी हुई है। वर्तमान में किसी भी निजी संवेदक के पास विभाग का कोई कार्यादेश नहीं है जिससे नलकूपों का निर्माण करवाया जा सके। उन्होंने बताया कि भूजल विभाग के पास पर्याप्त क्षमता की मशीनें भी उपलब्ध नहीं है, जिससे नलकूपों का निर्माण करवाया जा सके। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मंत्री को अवगत करवाया गया है कि भूजल विभाग को कम से कम 5 नई मशीनें, जो
कोम्बीनेशन प्रकार की हों और 2000 फीट तक रोटरी एवं डीटीएच भेदन की क्षमता तक
कार्य कर सकें, उपलब्ध करवाई जाए। निजी संवेदक द्वारा निर्मित होने वाले नलकूपों की लागत 40-45 लाख रुपए प्रति नलकूप होती है, जबकि भूजल विभाग द्वारा निर्मित होने वाले नलकूपों
की लागत राशि 20-25 लाख प्रति नलकूप होती है। इसमें भूजल विभाग द्वारा नलकूप निर्माण करवाने पर राजकोष की बचत होगी, जिसको अन्य विकास कार्यों में काम में लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विगत छह माह में लगभग 40 नलकूप स्वीकृत हुए हैं, जोकि भीषण गर्मी में पेयजल समस्या उत्पन्न ना हो, के लिए स्वीकृत करवाये गये थे। कोई कायदिश नहीं होने के कारण इन नलकूपों के निर्माण नहीं किया जा सका है। अतिरिक्त मुख्य अभियंता, बीकानेर द्वारा दर-संविदा के आधार पर जिले के लिए 50 करोड़ रुपए की निविदा आमंत्रित की गई, जोक आज तक लम्बित चल रही है। इसी आधार पर गत 10-12 वर्षों से एकल निविदा जिला स्तर पर आमंत्रित की जा रही है एवं एक ही संवेदक को निविदा के कायदिश दिये जा रहे हैं। इससे संवेदक अपनी मनमर्जी चला रहा है। संवेदक के पास एक ही ड्रिलिंग मशीन होने के कारण कार्य में अनावश्यक रूप से कार्य विलम्ब होता है। उन्होंने लिखा है कि इन तथ्यों के मद्देनजर उपखण्डवार निविदा जारी करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करें। जिससे अनेक संवेदक भाग ले सकें एवं किसी एक व्यक्ति का एकाधिकार समाप्त किया जा सके तथा नलकूपों को निर्माण शीघ्रातीशीघ्र किया जा सके। उन्होंने बताया कि आगामी कुछ माह में श्रीडूंगरगढ़ एवं अन्य विधानसभा क्षेत्रों में नलकूप स्वीकृत होंगे। किन्तु कायदिश के अभाव में नलकूपों का निर्माण संभव नहीं हो सकेगा। उन्होंने भूजल विभाग को कम से कम 5 नई मशीनें जोकि कोम्बीनेशन प्रकार की हो जोकि 2 हजार फिट तक रोटरी एवं डीटीएच भेदन की क्षमता तक कार्य कर सके। इससे अनावश्यक राज-कोष की हानि से बचा जा सके तथा समय पर नलकूपों का निर्माण हो सके।

Picture of Prakash Samsukha

Prakash Samsukha

खबर

Related Post

error: Content is protected !!