बीकानेर, 5 अक्टूबर। चातुर्मास विहार पर आए गच्छाधिपति नित्यानंद सुरीश्वरजी के शिष्यरत्न मुनि पुष्पेन्द्र म सा व प्रखर प्रवचनकार मुनि श्रुतानंद महाराज साहेब ने आज रांगड़ी चैक स्थित पौषधशाला में अपना प्रतिदिन के प्रवचन के साथ श्री सकल संघ द्वारा ओलीजी पर होने वाले आयंबिल, पाठ सहित अन्य तैयारियों पर आत्मानंद जैन सभा चातुर्मास समिति के शांति लाल सेठिया, शांतिलाल कोचर हनुजी, सुरेंद्र बधानी, शांति लाल भंसाली, विनोद देवी कोचर, अजय बैद सहित अन्य कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श किया । प्रखर प्रवचनकार श्रुतानंद महाराज साहेब ने श्रावक श्रााविकाओं को ओलीजी का महत्व बताते हुए कहा यह परम सास्वत त्यौंहार है जो आध्यात्मिक शक्ति के साथ तप की शक्ति भी देता है, इस अवसर स्वाध्याय के साथ आयंबिल करके तप किया जा सकता है।
समिति के शांतिलाल कोचर हनुजी ने बताया कि पुष्पेन्द्रजी महाराज साहेब के प्रवचन के बाद भक्ति गीत का आयोजन किया गया जिसमे प्रथम गीतों का गायन सकल संघ की श्राविकाओं द्वारा सामुहिक किया गया। उसके बाद अनीता सेठिया व विजयलक्ष्मी कोचर द्वारा अपनी मखमली आवाज में परमात्मा व गुरु वंदन के गीत पेशकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
आत्मानंद जैन सभा चातुर्मास समिति के सुरेन्द्र बद्धानी ने बताया कि दोपहर तीन बजे पौषधशाला मे आद्या शक्ति की भक्ति में गरबारास का आयोजन किया गया जिसमे माता की शक्ति को लेकर विभिन्न तरह के भक्ति गीतों पर श्राविकाओं ने पारम्परिक गरबा रास हेतू सधे कदमताल के साथ नृत्य किया। यह आयोजन पुर्णतया महिलाओं द्वारा ही संचालित था तथा किसी भी स्तर पर पुरुषों का प्रवेश वर्जित था।
शनिवार 13 अक्टूबर को नरक के रास्तों मे जाने के रास्तों का नाट्य मंचन होगा जिसमे गुरु के सान्निध्य मे श्राविकाऐं अभिनव करेंगी। ओलीजी के लिए आंयबिल के लिए बड़ी संख्या में श्रााविक श्राविकाओ ने अपने नाम पंजीकृत करवाए है। मंदिर श्री पदम प्रभु ट्रस्ट के अजय बैद अनुसार आज सकल संघ की स्थापना व प्रभावना का लाभ ओसवाल साॅप परिवार, जयपुर द्वारा लिया गया।