बीकानेर, 16 अक्टूबर। रांगड़ी चैक स्थित पौषधशाला में परम पवित्र शाश्वत ओलीजी तपोत्सव के अट्ठम दिवस पर सम्यग चारित्र के बारे मे विस्तृत उपदेश हुआ।
गच्छाधिपति नित्यानंद सुरीश्वरजी के शिष्यरत्न मुनि पुष्पेन्द्र म सा व प्रखर प्रवचनकार मुनि श्रुतानंद महाराज साहेब द्वारा श्रावक श्राविकाओं को प्रवचन देते हुए कहा कि बिना चारित्र के मुक्ति नही होती है।
चारित्र के तहत याचना, इच्छा, दान, वैराग्य रस के बारे मे विस्तृत प्रकाश डाला। सम्यक चारित्र के बारे उपदेश देते हुए कहा कि पाप कर्मों से हट कर शुभ कार्यों में लगना सम्यक चारित्र है। मन वचन काय से शुभ कार्य मे प्रवृति करना जिससे हित की पुष्टि हो और अहित का विनाश हो , वह सम्यक चारित्र है।इसमें सत्य ,अहिंसा,संयम,तप,त्याग आदि भावनाओं के अनुसार आचरण किया जाता है तथा पांच पापों और राग द्वेष,काम,क्रोध,मोह,लोभ आदि कषायों का परित्याग किया जाता है। मोक्ष मार्ग में चारित्र की प्रधानता है, क्योंकि जीव को सम्यक दर्शन और ज्ञान होता भी है और यदि चारित्र-पुरुषार्थ के बल से राग आदि विकल्प रूप असंयम से वह निवृत नहीं होता है तो उसका वह श्रध्दान और ज्ञान कोई हित नहीं कर सकता है।
प्रवचन से पूर्व पुष्पेन्द्रविजय म सा ने सम्यग चारित्र के तहत प्रदक्षिणा का दोहा ‘जाण चारित्र ते आत्मा जिन स्वाभवमां रमतो रे। लेश्या शुद्ध अलंकायो मोह वने नवी भमतो रे।। दिया तथा वर्ण -श्वेत, गुण 70, खमासमण 70 स्वास्तिक 70 व धान्य के रूप में चावल दिये व ओम हीँ नमो चारितस्स मंत्र की 20 माला जाप दी गयी।
आत्मानंद जैन सभा चातुर्मास समिति के सुरेन्द्र बद्धानि ने बताया कि आज तीन विमलनाथजी का जाप किया। प्रवचन उपरांत नवपद ओलीजी करने वाली श्राविकाओं कों डिंपल दफ्तरी तथा लोकेश सुखानी द्वारा प्रभावनाऐं की गई तथा 90 से अधिक लक्की ड्राॅ निकाले गये। 20 अक्टूबर को धार्मिक ज्ञान की वृद्धि हेतु विजय वल्लभ शाॅपिंग माॅल आयोजित किया जायेगा तथा साधर्मिक स्वामी वत्सल का आयोजन होगा।
मंदिर श्री पदम प्रभु ट्रष्ट के अजय बैद के अनुसार श्री सकल संघ की पूजा व प्रभावना का लाभ चातुर्मास समिति व ओसवाल साॅप ग्रुप परिवार द्वारा लिया गया।