बीकानेर, 8 नवम्बर। जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी महाराज व मुनिवृंद, साध्वीश्री विजयप्रभा, प्रभंजनाजी महाराज आदि ठाणा 5 के सान्निध्य में शुक्रवार को नाहटा चौक के प्राचीन उपासरे में देवी पार्श्व पद्मावती की अष्ट प्रकार की पूजा भक्ति संगीत के साथ की गई। उपासरे का शुद्धिकरण व भूमि खनन का अनुष्ठान चतुर्विद संघ के सान्निध्य में हुआ।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट एवं जिनेश्वर युवक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार व रविवार को जैनाचार्य महाराज के सान्निध्य में दो दिवसीय ’’प्रखर बीकानेर’’ अधिवेशन आयोजित किया जाएगा। अधिवेशन में देश के विभिन्न स्थानों के जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के श्रावक शामिल होंगे। श्री जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ ने बताया कि अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को भी बड़ी संख्या में श्रावक दिल्ली, रायपुर, सूरत, कोलकाता, मुंबई आदि स्थानां से बीकानेर पहुंचे।
’’प्रखर-बीकानेर’’ के समन्वयक सूरत प्रवासी बीकानेर निवासी नव रतन पारख ने बताया कि ’’प्रवासी खरतर रत्न’’’ से ही ’प्रखर’’ शब्द बनाया गया है। जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी के सान्निध्य में पहली बार बीकानेर में यह अधिवेशन हो रहा है। अधिवेशन में जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के प्रबुद्ध श्रावक शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार, व्यापार, धार्मिक व सामाजिक उन्नयन पर चर्चा होगी। अधिवेशन में दक्षिण भारत सहित समूचे हिन्दुस्तान के श्रावक-श्राविकाएं शामिल होंगे। अधिवेशन की थीम ’’समन्वय, सहयोग व विकास’’ रखी गई है।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा ने बताया कि शनिवार को सुबह नौ बजे ढढ्ढा चौक के प्रवचन पंडाल में परिचय व उसके बाद उद्घाटन सत्र, गहन चर्चा होगी। शाम को प्यारो बीकाणो-प्यारो बीकाणो सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। रविवार को सुबह नौ बजे से विविध विषयों पर चर्चा, शाम को भव्य भक्ति संध्या होगी जिसमें कोलकाता के नवीन नवलखा भजन प्रस्तुत करेंगे।
देवी पद्मावती महापूजन
नाहटा चौक के प्राचीन उपासरे में शुक्रवार को जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी के सान्निय में देवी पद्मावती की अष्ट प्रकार का महापूजन भक्ति संगीत के साथ किया गया। सुप्रसिद्ध विधिकारक (सिरोही) के मनोज कुमार बाबूमल हरण व उनकी टीम के सदस्य नागदा, मध्य प्रदेश के गौरव जैन, योगे तथा विपिन जैन ने सविधि जल, चंदन, पुष्प, धूप, दीप,अक्षत, नेवैद्य व फल आदि से विविध मंत्रों से पूजन करवाया। अंगी रचना सिरोही के चिमन भाई ने की।
पूजा का आगाज जैनाचार्य जिनपीयूष सागर सूरीश्वरजी ने नवकार महामंत्र के जाप व भक्ति गीत ’’मंत्र नवकार हमें प्राणों से प्यारा से किया। विधिकारक मनोज हरण के साथ घाणेराव की रामलाल एवं पार्टी ने भजन प्रस्तुत किए। पूजा में साध्वीश्री प्रभंजनाजी महाराज, चिद्यशाजी महाराज, श्री जैन श्वेताम्बर ओसवाल खरतरगच्छ श्रीसंघ के अध्यक्ष रतन लाल नाहटा, जिनेश्वर युवक परिषद के संरक्षक पवन पारख, अध्यक्ष संदीप मुसरफ, मंत्री मनीष नाहटा, गणेश बोथरा, मनोज सेठिया पवन बोथरा, पूनमचंद नाहटा, प्रदीप व पारस बोथरा सहित बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने हिस्सा लिया। बीकानेर के मुनि सम्यक रतन सागर ने बताया कि इस प्राचीन उपासरे में जैनाचार्य जिन कीर्ति रत्न सूरीजी, महोपाध्याय देवचंदजी महाराज, समय सुन्दरजी महाराज आदि गीतार्थ शासन प्रभावक आचार्यों ने चातुर्मास किए है। नाकोड़ा भैरव सहित दो भैरव की प्रतिमावाले उपासरे के शुद्धिकरण व जीर्णोंद्धार से जिन शासन की प्रभावना होगी।