✍️ महेंद्र जोशी
10 नवंबर 2024 रविवारकार्तिक माह की शुक्ल पक्ष नवमी को अक्षय आंवला नवमी मनाई जाती है। इस साल 10 नवंबर 2024, रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन आंवले के पेड़ में सूत बांधकर परिक्रमा लगाई जाती है। शास्त्र मान्यता है, आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास है, आंवले के वृक्ष की पूजा से मनचाहा फल प्राप्त होता है, माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है।।
*🟢पूजा का मुहूर्त-:*
*ये 10 नवंबर रविवार दिन के अच्छे चौघड़िये हैं, इनमें पूजा की जा सकती है-:*
चर- 08:00 से 09:22 तक
लाभ- 09:22 से 10:45 तक
अमृत- 10:43 से 12:05 तक
शुभ- 13:26 से 14:47 तक
*🟢आंवला नवमी महत्व-:*
* पद्मपुराण के अनुसार आंवले का वृक्ष साक्षात विष्णु का ही स्वरूप माना गया है. कहते हैं आंवला नवमी के दिन इसकी पूजा करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं/
* धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवला वृक्ष के मूल में भगवान विष्णु, ऊपर ब्रह्मा, स्कंद में रुद्र, शाखाओं में मुनिगण, पत्तों में वसु, फूलों में मरुद्गण और फलों में प्रजापति का वास होता है. इसकी उपासना करने वाले व्यक्ति को धन, विवाह, संतान, दांपत्य जीवन से संबंधित समस्या खत्म हो जाती है/
* आंवले की पूजा करने से गौ दान करने के समान पुण्य मिलता है. सुख-समृद्धि और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अक्षय नवमी का दिन बहुत उत्तम फलदायी माना गया है/
* आँवला नवमी के दिन जप, तप, व्रत- उपवास, दान, तर्पण- प्रभु विग्रह के दर्शन आदि का अक्षय पुण्य होता है/
* इस दिन गाय के घी के दीपक से आँवला वृक्ष के समीप दीपदान करें तथा निम्न मंत्र बोलते हुए प्रदक्षिणा करें-:
“यानि कानि च पापानि जन्मान्तर कृतानि च।
तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणे पदे-पदे।।”
* इसदिन आँवले के वृक्ष के नीचे जप तथा भोजन करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है/
* आँवला नवमी के दिन किया गया मंत्र जप- नाम जप , ध्यान, दान इत्यादि पुण्यकर्मो के अक्षय फल प्राप्त होते हैं, अतः इस कारण इसको ‘अक्षय नवमी’ कहते हैं//
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