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भक्ति गीतों के साथ सिद्धाचल तीर्थ भाव यात्रा में आनंद स्पर्श पुस्तिका का लोकार्पण
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’’जैन तीर्थ यात्रा करें, लाभ तणो नहीं पार’’
बीकानेर, 16 नवम्बर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वर महाराज आदि ठाणा 18 व साध्वीश्री विजय प्रभा व प्रभंजनाश्रीजी आदि ठाणा 5 के सान्निध्य रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में सिद्धाचल तीर्थ की भाव यात्रा भक्ति गीतों के साथ की गई।
सिद्धाचल भाव यात्रा के दौरान जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी महाराज की ओर से रचयित चौबीस जिन स्तुतियां लघु पुस्तक ’’आनंद स्पर्श’ का लोकार्पण श्री जिनेश्वर युवक परिषद के मंत्री मनीष नाहटा ने किया। जैनाचार्य महाराज की चातुर्मास के दौरान यह पांचवीं पुस्तक का लोकार्पण हुआ है। इससे पूर्व देव वंदन विधि ’’आनंद प्रणम्य’’, ’’सद्गति बीमा’’, आगम तप विधि ’’आगम मंजूषा’’ और ’’श्री पंच प्रतिक्रमण सूत्र’’ का लोकार्पण हुआ था।
जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी महाराज ने लोकार्पित पुस्तक की सम्पूर्ण स्तुतियों ’’जो इस युगादि के प्रथम, जिनराज है महाराज है। महासंयमी तीर्थंकरों, गिरिराजै के सिताज है।। साद अनंता सिद्धि दो, हे नाथ श्री आदिश्वरा। पावन परम प्रभु पाद पद्मो, मैं सदा हो वंदना।। तथा सुख सिंधु भगवान आदि जिन के, अद्भुत सान्निध्य में। खरतर संवत सहस एक शुभतर, बीकानेर चौमास में। पुण्योदय पाया आनंद महोदय, कर दो ’’पीयूष’’वर्षणा।। पावन पुण्य प्रभु चरण कमल में,हो भाव से वंदना’’’ के साथ ’’ वंदन हो गिरिराज ने’’ सहित अनेक भजन गाकर श्रावक-श्राविकाओं को भक्ति रस से सरोबार कर दिया।
जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी सिद्धाचल तीर्थ की भाव यात्रा के दौरान पांच चैत्य वंदन विस्तार पूर्वक किया गया। जैनाचार्य, मुनि व साध्वीवृंद तथा श्रावक-श्राविकाओं ने भक्ति गीतों के साथ तीर्थ सिद्धाचल के खमासणा के दोहे ’’सिद्धाचल समरू सदा, सोरठ देश मोझार, मनुष्य जन्म पामी करी, वंदु वार हजार।।, कार्तिक सुदि पूनम दिने, दश कोटि परिवार, द्राविड़ वारिखिल्लजी, सिद्ध थया निरधार।। तिणे कारण कार्तिक दिने, सकल संघ परिवार, आदि जिन सनमुख रही, खमासमण बहुबार’’ । दश कोटि अणुव्रतधारा, भक्त जमाड़े सार, जैन तीर्थ यात्रा करें, लाभ तणो नहीं पार ।। गाकर सिद्धाचल तीर्थं की वंदना की।
भक्ति कार्यक्रम आज
भगवान महावीर की सवारी रविवार को सुबह साढ़े नौ बजे गंगाशहर रोड की पार्श्वचन्द्र सूरी दादाबाडी से गाजे बाजे से रवाना होकर विभिन्न जैन बहुल्य मोहल्लों से होते हुए सुबह करीब दस बजे ढढ्ढा चौक पहुंचेगी, जहां जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी के सान्निध्य में भजन मंडलियां भजन प्रस्तुत करेगी।

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Shiv Soni(SK)

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