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पंद्रह हजार स्थानों पर एक ही दिन में स्थापित हुई पोषण वाटिकाएं, सजग आंगनबाड़ी अभियान के तहत हुआ….
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बीकानेर, 27 जुलाई। सजग आंगनबाड़ी अभियान के तहत बुधवार को जिले भर में पंद्रह हजार स्थानों पर पोषण वाटिकाएं स्थापित की गई। आंगनबाड़ी केन्द्रों की लाभार्थी महिलाओं ने अपने घरों में सहजन फली का पौधा और पालक, धनिया, मैथी, अरबी और सरसों का बीजारोपण किया।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने खारा में गर्भवती महिला सुनीता देवी के घर पोषण वाटिका अभियान की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि गर्भवती और धात्री महिलाओं को पोषण मानकों के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से घर-घर पोषण वाटिकाएं स्थापित की जा रही हैं। इसके लिए क्यारियां पूर्व में ही तैयार करवाई गई। इन क्यारियों में पत्तेदार सब्जियों के पौधे लगाए जा रहे हैं, जिससे महिलाओं को आयरन प्राकृतिक तरीके से मिल सके। उन्होंने कहा कि आयरन की कमी के कारण गर्भवती महिलाओं और शिशुओं का सही पोषण नहीं हो पाता, इससे उन्हें शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह पौधे पुरूषो के लिए भी उपयोगी हैं।
जिला कलक्टर ने बताया कि पहले चरण में जिले के 1 हजार 502 आंगनबाड़ी केन्द्रों की दस-दस लाभार्थी महिलाओं के घरों पर यह पोषण वाटिकाएं स्थापित की गई हैं। इनकी माॅनिटरिंग के लिए सुपोषित बीकानेर मोबाइल ऐप भी बनाया गया है। इस पर बीजारोपण से लेकर वाटिकाएं तैयार होने तक के फोटो अपलोड किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह अभियान बीकानेर को एनिमिया मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक शारदा चौधरी ने सजग आंगनबाड़ी अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बुधवार को बीकानेर शहर में 1 हजार 540, ग्रामीण में 1 हजार 730, कोलायत में 2 हजार 350, लूणकरनसर में 2 हजार 160, खाजूवाला में 2 हजसा 60, श्रीडूंगरगढ़ में 2 हजार 50, नोखा में 1 हजार 730 तथा पांचू में 1 हजार 380 स्थानों पर पोषण वाटिकाएं स्थापित की गई।
माॅडल आंगनबाड़ी केन्द्र का किया उद्घाटन
इस दौरान जिला कलक्टर ने खारा में माॅडल आंगनबाड़ी केन्द्र का उद्घाटन किया। इस केन्द्र पर सरपंच सहित अन्य भामाशाहों के सहयोग से लगभग दस हजार रुपये के खिलौने, 50 कुर्सियां, एक एलईडी टीवी, चार पंखे एवं स्टाफ सदस्यों के लिए कुर्सियां तथा बच्चों की पोशाक उपलब्ध करवाई गई है। जिला कलक्टर ने बताया कि जिले के 500 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों को माॅडल केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे बच्चों का और अधिक जुड़ाव इनसे हो सके। कार्यक्रम के दौरान जिला कलक्टर ने भामाशाहों का सम्मान किया। महिला अधिकारिता विभाग की ओर से पठन पाठन सामग्री बच्चों को प्रदान की गई। इस अवसर पर सरपंच भैंरू सिंह सिसोदिया, बाल विकास परियोजना अधिकारी नवरंग मेघवाल, महिला अधिकारिता विभाग की प्रचेता विजय लक्ष्मी जोशी, पर्यवेक्षक मंजू खड़गावत, पन्नालाल नागल आदि मौजूद रहे।
पुकार के तहत आयोजित हुई पाठशालाजिला कलक्टर ने पुकार अभियान के तहत खारा में मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण पाठशाला में भाग लिया। उन्होंने गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जिले की समस्त ग्राम पंचायतों एवं वार्डों में यह पाठशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इनके माध्यम से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने, पोषण के प्रति जागरुक करने, गर्भावस्था के दौरान रखी जाने वाली आवश्यक जांचें समय पर करवाने तथा स्तनपान के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के प्रति जागरुक किया जा रहा है। इस दौरान ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुनील हर्ष सहित अन्य कार्मिक मौजूद रहे।

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