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यजमान द्वारा दी गई आहुतियों के साथ नौ दिवसीय श्रीराम कथा को दिया गया विश्राम
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श्रीराम कथा सेवा समिति के तत्वाधान में रामनाथ सदन पारीक चैक में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा बड़े ही उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई।
प्रेस नोट जारी करते हुए श्रीराम कथा सेवा समिति सदस्य पवन राठी ने बताया कि नौ दिवसीय श्रीराम कथा के अन्तिम दिवस कार्य समिति संयोजक नारायण डागा व कार्यक्रम संचालक याज्ञवल्क्य दम्माणी ने वृंदावन आचार्य विक्रम जी के सानिध्य में व्यासपीठ के साथ राचरितमानस की पौथी का पूजा-अर्चना की।
नौ दिवसीय श्रीराम कथा समिति संयोजक नारायण डागा व समिति अध्यक्ष देवकिशन चाण्डक ने बताया कि आज की कथा के दो दिवसीय सत्रों में वृंदावन से पधारे प्रमुख भागवताचार्य एवं श्रीराम कथा के प्रवक्ता भरणशरण जी महाराज ने रामसेतु की कथा के प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए आज की कथा में रामचरितमानस के सभी प्रमुख प्रसंगों का रामायण की चैपाईयों का गायन करते हुए व्याख्यान दिया।
समिति उपाध्यक्ष घनश्याम कल्याणी व मंत्री जगदीश कोठारी ने बताया कि आज के प्रमुख प्रसंगों में मुख्य रूप से श्री हनुमान द्वारा सीता की खोज, श्रीराम द्वारा नल-नील सहयोग से रामसेतु निर्माण, भगवान रामेश्वर की स्थापना, अंगद द्वारा रावण को पुनः सीता लौटाने की प्रार्थना, रावण द्वारा विभीषण का त्याग, राम-लक्ष्मण द्वारा नागपाश में बंधना, भक्त हनुमान द्वारा भगवान को नागपाश से मुक्त करवाना, लक्ष्मण इन्द्रजीत का युद्ध, हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाना, कुंभकरण की निंद्रा भंग करना, लक्ष्मण तथा इन्द्रजीत युद्ध इन्द्रजीत को पराजीत करना, श्रीराम द्वारा कुंभकरण वध, राम-रावण युद्ध में रावण का वध, विभीषण का राज्याभिषेक तथा श्रीराम का अयोध्या में पुनः राज्याभिषेक तक के सभी प्रसंगों को अलग-अलग कहानियों तथा चैपाईयों द्वार सरल भाषा में समझाया गया।
कार्यक्रम संचालक मंत्री याज्ञवल्क्य दम्माणी ने बताया कि श्रीराम कथा के पुर्णाहुति के पश्चात् समिति सदस्य एवं मीडिया प्रभारी पवन कुमार राठी द्वारा तैयार की गई नौ दिवसीय श्रीराम कथा के प्रेस-रिपोर्ट विज्ञप्तियाँ आधारित तैयार की गई फाईल श्रीराम कथा के प्रमुख वक्ता भरत शरण जी महाराज को सौंपी गई। इस अवसर पर पवन राठी ने बताया कि श्रीराम कथा सेवा समिति के सभी सदस्यों द्वारा भरत शरण जी महाराज (श्रीराम कथा वक्ता) को समिति के सभी सदस्यों की ओर से अभिनंदन पत्र भेंट किया गया।
समिति सदस्य नारायण दम्माणी तथा नारायण मिमाणी ने बताया कि आज की कथा की पूर्णाहुति के पश्चात् सभी भक्तों के लिए महाप्रसाद का आयोजन किया गया। इस नौ दिवसीय कार्यक्रम की सभी व्यवस्थाओं में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सभी ने सहयोग किया, जिनमें मुख्य रूप से उमाशंकर राठी, मदन मोहन डागा, नारायण दम्माणी, नारायण मीमाणी, सुशील करनाणी, गोवर्धन दम्माणी, अभिषेक मंत्री, याज्ञवल्क्य दम्माणी, दिलीप उपाध्याय, लक्ष्मीनारायण बिहाणी तथा मोहित चाण्डक मुख्य सक्रिय कार्यकत्र्ता रहे।

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