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सुगनजी उपासरे व महावीर भवन में प्रतिक्रमण
बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने सुना कल्पसूत्र का पाठ
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बीकानेर, 20 अगस्त। रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में पर्युषण पर्व के अंतिम दिन बड़ी संख्या में साध्वीश्री शशि प्रभा व उनकी शिष्याओं द्वारा प्रसारित कल्पसूत्र का मूल पाठ सुना। श्रावक-श्राविकाओं ने दिन भर उपासरे में रहकर स्वाध्यायी भाई मनीष कोचर, अरिहंत जैन व आदित्य जैन कार्योत्सर्ग सहित विभिन्न पापों से बचने, कर्मों को काटने के लिए धार्मिक क्रियाएं की।
स्वाध्यायी भाई मनीष कोचर, अरिहंत जैन ने बताया कि कल्पसूत्र आगमग्रंथों में सर्वाधिक उपकारी ग्रंथ है,जिसे सुनने वाले भव सागर से पार हो जाते है। पहले कल्पसूत्र को केवल साधु संत ही सुना करते थे, लेकिन अब इसे गृहस्थ जीवन में व्यस्त लोग भी सुनते हैं। इस ग्रंथ को सुनने भर से ही लोग दुखों से मुक्त हो जाते है, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। कल्पसूत्र के रचयिता भद्रबाहु ने जैन धर्म के इतिहास को अमर कर दिया। कल्पसूत्र मेंं पांच शुभ घटनाओं को दर्ज किया है।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा ने बताया कि कल्पसूत्र के साथ श्रावक-श्राविकाओं ने गाजे बाजे के साथ साथ नाहटा चौक के प्राचीन भगवान आदिश्वर व भुजिया बाजार के चिंतामणि जैन मंदिर में दर्शन किए। नौ दिनों की तपस्या करने वाले मुदित सुराणा, सौरभ नाहटा व श्रीमती निशा नाहटा (दम्पति) का अभिनंदन किया गया। पर्युषण पर्व के दौरान हुई धार्मिक प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। संघ पूजा का लाभ जेठमल, जितेन्द्र कुमार गोलछा ने लाभ लिया । स्वाधायी भाइयों साधार्मिक भक्ति का लाभ कृपाचंद, शांतिलाल व कंवर लाल सुराणा ने लिया।
आदिश्वर सहित विभिन्न मंदिरों में अंगी
नाहटा चौक के भगवान आदिश्वर जी सहित रांगड़ी चौक, बैदों का चौक सहित विभिन्न जिनालयों में रविवार को विशेष अंगी की गई। बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने मंदिरों में पूजा अर्चना की।

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