बीकानेर, 5 अगस्त। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरिश्वरजी के सान्निध्य में चल रहे ढढ्ढा चौक की आगम वाटिका में श्री 45 आगम तप अनुष्ठान में सोमवार को नौवें दिन श्री अनुत्तरोपपातिक दशांक सूत्र की आराधना की गई। मंगलवार को प्रश्न व्याकरण सूत्र का वंदन पूजन किया जाएगा।
आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरिश्वरजी ने धर्मचर्चा में बताया कि अनुत्तरोववाईवशा या अनुत्तरोपपातिक दशांक सूत्र के तीन वर्गों में 33 अध्ययन है। इसमें सुविशुद्ध निर्मल चारित्र का पालन करके अनुत्तर विमान में उत्पन्न होने वाले महापुण्यशाली श्रेणिक राजा, अभय कुमार, धन्ना अणगार आदि के जीवन चरित्र और उनके चारित्र की निर्मल आराधना का वर्णन है।
आचार्यश्री ने कहा कि पानी, पैसा, प्रसिद्धि व प्रशंसा की प्यास को संतोष, समता से नियंत्रित किया जा सकता है। हमें प्रेम,पुण्य व आत्म-परमात्म तत्व प्राप्ति की प्यास के लिए पराक्रम व पुरुषार्थ करें। बीकानेर के मुनि सम्यक रत्न सागर ने आगामी कार्यक्रमों से अवगत कराया तथा आचार्यश्री की ओर से प्रस्तुत विषय को विस्तार से समझाया। वरिष्ठ श्रावक कन्हैयालाल भुगड़ी के 15 दिन की तपस्या की अनुमोदना की गई। संघ पूजा का लाभ केशरीचंद, झंवर लाल, मनोज व मधु सेठिया परिवार ने लिया।
मुनि पुष्पेन्द्र विजय व श्रुतानंद विजय के सान्निय अंतरायकर्म पूजा
बीकानेर, 5 अगस्त। रांगड़ी चौक की तपागच्छीय पौषधशाला में मुनि पुष्पेन्द्र विजय मुनि श्रुतानंद विजय के सान्निध्य में सोमवार को नाहटा चौक के भगवान आदिनाथ मंदिर में नेत्रदानी, समाज सेवी, सुश्रावक विजय चंद बांठिया की स्मृति में अंतरायकर्म पूजा की गई। पूजा में मुनिश्री पुष्पेन्द्र विजय ने मंत्रोच्चारण किया वहीं विचक्षण महिला मंडल ने भक्ति गीतों के साथ पूजा करवाई। पूजा राजकुमार व सचिन बांठिया, इंदौर के कमल बांठिया व मुन्ना बांठिया, जैन पाठशाला सभा के अध्यक्ष विजय कोचर सहित बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने भागीदारी निभाई।
मुनि श्रुतानंद विजय ने तपागच्छीय पौषघशाला में प्रवचन में कहा कि सम्यक दर्शन की प्राप्ति के लिए भाव शुद्धि जरूरी है। परमात्मा का स्वीकार, आभार, प्रशंसा व धर्मधारणा का भाव हमें सम्यक दर्शन के मार्ग पर आगे बढ़ाता है।
राम मंदिर के शिवालय में सचेतन झांकियां
दर्शनार्थियों की भीड़ ने मेले का रूप लिया
बीकानेर, 5 अगस्त। विश्वकर्मा गेट के बाहर राम मंदिर परिसर में नर्बदेश्वर शिवालय में सोमवार को जयपुर से मंगवाई गई विशेष प्रतिमाओं की झांकी प्रदर्शित की गई। महादेव के नेपाल से मंगवाए गए 3100 रुद्राक्ष से श्रृंगार कर भक्तों के माध्यम से 1100 बिल्व पत्रों का अभिषेक व पूजन किया गया।
मंदिर के संस्थापक पवन पुरोहित ने बताया कि भगवान राम की ओर से रामेश्वर शिवलिंग की पूजा, भगवान गणेश मृदंग वादन करते हुए, भगवान शिव, पार्वती के साथ वन में विचरण करने वाले बंदर, पशु पक्षियों व फूलों की झांकी प्रदर्शित की गई। झांकी के लिए आदमकद प्रतिमाएं जयपुर से मंगवाई गई । ढढ्ढा चौक के नर्बदेश्वर महादेव मंदिर, सीताराम गेट के गौरी शंकर महादेव मंदिर में पूजन व अभिषेक किया गया। वर्षात के मौसम के बावजूद दर्शनार्थियों की भीड़ ने मेले का रूप् ले लिया। मंदिर के आगे खिलौने, माला प्रसाद आदि की अनेक अस्थाई दुकानें लगी थी।