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बीकानेर प्राचीन जिनालयों व जैन ज्ञान भंडार की भूमि-आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी
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बीकानेर, 03 सितम्बर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी ने मंगलवार को ढढ्ढा चौक में धर्मचर्चा में कहा कि बीकानेर प्राचीन जिनालयों व जैन ज्ञान भंडार की भूमि है। बीकानेर के जिनालय चमत्कारी,वंदनीय, पूजनीय और जिन शासन की शोभा में अनुकरणीय, गौरव  व गर्वमयी है।
पर्युषण पर्व के तीसरे दिन उन्होंने कहा कि बीकानेर में दादा गुरुओं ने भीनासर के शंखेश्वर पार्श्वनाथ, भुजिया बाजार के चिंतामणिजी मंदिर व नाहटा चौक के भगवान आदिनाथ मंदिर में प्रतिष्ठा करवाई। रांगड़ी चौक का बड़ा उपासरा, सुगनजी महाराज का उपासरा व नाहटा चौक का अभय जैन ग्रंथागार जैन साहित्य का अनमोल खजाना है। इनमें ताड़पत्र में कल्पसूत्र सहित अनेक आचार्यों, मुनियों, उपाध्यायों द्वारा लिखित सभी तरह के आगम व साहित्य मौजूद है। प्राचीन जिनालयों व कल्पसूत्र सहित आगामों का दर्शन वंदन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
बीकानेर के मुनि सम्यक रत्न सागर ने कहा कि जैसलमेर के बाद बीकानेर ही राजस्थान में ऐसा नगर है जहां जैन ज्ञान का दुर्लभ भंडार है। बीकानेर के जैन ज्ञान भंडारों की वृहद शोध व अनेक ग्रंथों के पुर्नःलेखन की दरकार है। बुधवार को भगवान महावीर स्वामी की माता त्रिशला देवी को स्वप्न में दिखाई दी 14 वस्तुओं की जाजम लगाकर प्रवचन पंडाल में अवतरण की बोली लगाई जाएगी। भगवान महावीर के जन्म की वांचना कल्पसूत्रानुसार की जाएगी।  उन्होंने भगवान महावीर के जन्म वांचन के समय धोती,कुर्ता व पाग पहन कर आने का सुझाव दिया।
अभिनंदन
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, श्री जिनेश्वर युवक परिषद के संरक्षक ललित नाहटा, पवन बोथरा, संदीप मुसरफ, वरिष्ठ श्रावक राजकुमार बैद, महावीर नाहटा ने चातुर्मास के दौरान समर्पण व सहयोगी बाबूलाल,गेवर चंद, संतोकचंद, मनु मुसरफ परिवार, वीर पिता भीखमचंद धीरज बरड़िया परिवार, केसरीचंद, झंवर लाल, मनोज सेठिया परिवार के सदस्यों का दुप्टा,श्रीफल आदि से अभिनंदन किया।
तपस्याओं की अनुमोदना 
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा व श्री जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ ने बताया कि आचार्यश्री सहित चतुर्विद संघ ने बिना अन्न जल के 44 दिन की तपस्या पूर्ण करने वाले कन्हैयालाल भुगड़ी, 25 रौनक बरड़िया, 25 दिन,अंतर देवी बोथरा के 13 दिन की, चिराग सुराणा के 13 दिन, सुनील लोढ़ा 8 दिन, मुनि सत्व रत्न सागर, सवार्थ रत्न सागर, बाल मुनि श्रुत रत्न सागर व श्रीमती श्वेता पारख 4-4 दिन की तपस्याओं के साथ उपवास, बेला, तेला, आयम्बिल, अट्ठम तप, श्रेणिक तप, आगम तप  करने वाले श्रावक-श्राविकाओं की अनुमोदना की गई। श्री जिनेश्वर युवक परिषद के मंत्री मनीष नाहटा ने बताया कि सोमवार को सुन्दरलाल, सोहन लाल-मोहनलाल परिवार, झंवर लाल, केसरी चंद व मनोज सेठिया परिवार की ओर से प्रभावना से श्रावक-श्राविकाओं का अभिनंदन किया गया।
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