नोखा में तेजाजी मंदिर के पास हो रही है सप्तदिवसीय श्रीमद् भागवतकथा
भागवत कथा -वेदों का सार है — राजेश महाराज
नोखा ( आई.सी. मोदी) धर्मनगरी नोखा में शरद नवरातत्रा के पावन पर्व के अवसर पर वार्ड नंबर 43,44 में स्थित वीर तेजाजी मंदिर के पास वार्ड वासियों सहित समस्त भक्तगणों की ओर से गौ सेवार्थ सामूहिक संगीत मयी श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का सप्त दिवसीय आयोजन शुक्रवार 4 अक्टूबर से 10 अक्टूबर 2024 तक कथा व्यास श्रद्धेय गौवत्स राजेश जी महाराज के श्रीमुख से दिन के 12:15 बजे से सांय 4:15 बजे तक हो रहा है । कथा के प्रथम दिन हनुमान जी मंदिर से दिन के 11:15 बजे गाजे बाजे सहित कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ प्रथम दिन महाराज श्री ने उपस्थित श्रद्धालु नर -नारी दर्शक श्रोताओ को भागवत कथा के महात्मय वेदव्यास, नारदव्यास आदि प्रसंगों पर कथा अमृत पान करवाते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा वेदों का सार है उन्होंने कहा कि करोड़ों पुण्य का लाभ मिलने पर श्रीमद् भागवत कथा सुनने का अवसर मिलता है । भागवत पापों का नाश करके सबको तारने वाली कथा हैं।
कथा के दूसरे दिन शनिवार को परीक्षित चरित्र शुक्रदेव जी का आगमन, विदुर प्रसंग आदि प्रसंगों की कथा सुनाते हुए श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। भीष्म पितामह कांटों की शैया पर और विदुर कथा के दौरान संजीव झांकी का मंचन को देखकर दर्शक श्रोताओ का मन मोह लिया । भगवान कृष्ण विद्युर के घर आए तो विदुरानी ने भगवान को केले के छिलके खिलाए भगवान ने चाव से खाये जब विदुरजी आए तो विदुरानी को कहा ये क्या खिला रही हो तो विदुरजी ने भगवान को केले खिलाए तब भगवान ने कहा जो आनंद छिलकों में था वो स्वाद केलो में नहीं है प्रसंगानुसार भजन की प्रस्तुती में विदुरघर आए पावणा पर श्रोता झूम उठे।
कथा के दूसरे दिन गणेश सोनी सपत्नीक मैना देवी मुख्य श्रोता यजमान के रूप में आसन के सामने प्रथम पंक्ति में बैठकर कथा का रसास्वादन पान कर रहे थे।
कथा के दौरान मदनलाल सियाग, श्याम सुंदर पारीक, भंवर राणा, मूलचंद तिवाड़ी, मोटाराम खाती, गोपाल प्रजापत, रामरख सारण, गणपतराम तर्ड़, तेजाराम सारण, अशोक वे रामेश्वर राठी, सुरजाराम छींपा आदि व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं ।