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बीकानेर के लिये कारगार साबित होगी ये कान्फ्रेंस:कल्ला,नवाचार बढ़ते भारत की सॉफ्ट पावर है:- मृदुल धारवाल
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महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय और बेसिक कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में नवाचार  एवं उद्यमिता: सामाजिक, आर्थिक एवं तकनीकी परिप्रेक्ष्यÓ विषयक अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस  का समापन।
बीकानेर के लिये कारगार साबित होगी ये कान्फ्रेंस:कल्ला
नवाचार बढ़ते भारत की सॉफ्ट पावर है:- मृदुल धारवाल

बीकानेर। नवाचार बढ़ते भारत की सॉफ्ट पावर है। यह बात शारदा यूनिवर्सिटी, दिल्ली  के इकोनॉमिक्स प्रोफेसर डॉ मृदुल धारवाल ने महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय और  बेसिक पीजी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में ‘नवाचार एवं उद्यमिता- सामाजिक,  आर्थिक एवं तकनीकी परिप्रेक्ष्यÓ विषयक अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस के दूसरे दिन के प्रथम  सत्र में अध्यक्षता करते हुए कहीं। मृदुल ने कहा कि नवाचार किसी भी देश के आर्थिक  विकास का आधार है।समापन सत्र में विशिष्ट अतिथि एनआईटी के डीन डॉ उज्ज्वल कल्ला ने स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है,जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कान्फ्रेंस निश्चित रूप से बीकानेर को नये आयाम प्रदान करेगी। कल्ला ने कहा कि हम सबको यह समझने की आवश्यकता है कि सामाजिक आर्थिक परिवर्तन के पीछे तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण चालक है। शैक्षिक डिजाइन और वितरण में नवाचारों एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ मीरा श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान तकनीकी प्रगति के उपयोग के साथ अभिनव शैक्षिक कार्यक्रमों के सृजन एवं कार्यान्वयन सुनिश्चित करना आवश्यक है। जिसका व्यापक प्रसार परिवर्तन की अपार संभावनाएं लिए हुए है। सेमिनार संरक्षक रामजी व्यास ने सभी का आभार व्यक्त किया वहीं कार्यक्रम का संचालन विनय कुमार हर्ष ने किया। कॉन्फ्रेन्स संयोजक एवं महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने सेमिनार की दो दिनों के भीतर हुए सत्रों की जानकारी देते हुए कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में वैश्विक विचारधाराओं और अनुभवों को एकजुट क रना है। यह मंच विचारों और समाधानों को एक नया आयाम देने का कार्य करेगा।
आयोजन सचिव डॉ. चंद्रशेखर श्रीमाली ने बताया कि सेमिनार के दूसरे दिन 3 सत्रों का  आयोजन हुआ। जिसमें प्रथम सत्र में एमजीएस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनिल कुमार  छंगाणी ने अध्यक्षता की वही को-चेयर प्रो संजय शास्त्री, अरावली कॉलेज ने की। सत्र  में दिल्ली के शारदा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मृदुल धारवाल और डॉ वाई बी माथुर व डॉ  वी एस राठौड़ ने अपना विशेष व्याख्यान दिया।सेमिनार के सह-समन्वयक डॉ रविन्द्र मंगल ने बताया कि सेमिनार में दूसरे सत्र में डॉ. शिवराम सिंह ने सेंशन की अध्यक्षता की वहीं एम एस कॉलेज की प्राचार्य डॉ अभिलाषा आल्हा ने कॉ चेयर की भूमिका अदा की।  इस सत्र में पत्रकार व लेखक हरीश बी शर्मा  तथा मोटिवेशनल  स्पीकर डॉ. चक्रवती नारायण श्रीमाली ने अपना विशेष व्याख्यान दिया। वहीं रामपुरिया  लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अनंत जोशी ने भी अपने विचार रखे।
सेमिनार के दूसरे सत्र में  डंूगर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र पुरोहित ने सत्र की  अध्यक्षता की वही मध्यप्रदेश की सागर विश्वविद्यालय से पधारे डॉ. मानवेन्द्र सिंह ने क ॉ चेयर की भूमिका अदा की। इस सत्र में डॉ. नरेन्द्र भोजक और देव अरस्तु ने अपना  व्याख्यान दिया वहीं ऑनलाइन के माध्यम से लंदन से विषय विशेषज्ञ डॉ. ओम कुमार  हर्ष ने अपने विचार रखे। तीसरे सत्र में पूर्व प्राचार्य डॉ. राकेश हर्ष ने अध्यक्षता की ओर  डॉ. शिशिर शर्मा ने को-चेयर की भूमिका अदा की। वहीं सी ए सुधीश शर्मा और  मनोज बजाज ने अपना व्याख्यान दिया वहीं कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि मंजू नैन  गोदारा थी। कार्यक्रम में एस्किन सॉफ्टवेयर के कीर्तिमान लोढ़ा ने विशेष व्याख्यान  दिया। कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट पेपर प्रजेन्टेशन वाले शोधार्थियों का सम्मान किया गया। साथ ही सेमिनार को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाने वालों को भी स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया।

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Gordhan Soni

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