!! हिन्दी जय विजय का संगान है !!
काव्य पाठ………. मोहन भन्साली
हिंदी तो अमृत का प्याला है,
पीने वाला बन जाता जग में निराला है।
हिंदी तो प्रेम का निवाला है,
खानें वाला बन जाता सबसे प्यारा है।
हिंदी तो चांद-सूरज सा तेज है,
पवित्र संग्रहालयों का प्रकाशपूंज है।
हिंदी तो हमारा ताज है,
भारतीय संस्कृति का ज्योतिपूंज है।
हिंदी तो भारत का गौरव है,
लोकतांत्रिक संविधान का श्रृंगार है।
हिंदी तो पाठशाला है,
ज्ञानार्जन का अद्भुत जगमगाता तारा है।
हिंदी तो प्राकृत का सार है,
प्राकृतिक भाषाओं का समागम संचार है।
हिंदी तो शास्त्राचार है,
धर्म का पावन ग्रंथ मानवता का रखवाला है।
हिंदी तो सबको शिरोधार्य है,
साहित्य, शिल्पी और कला का अभिमान है।
हिंदी विश्व दिवस 2025 का स्वागत है,
मानव कल्याण में जय- विजय का संगान है।। !!! सादर समर्पित !!!
रचनाकार::
मोहनलाल भन्साली “कलाकार”
गंगाशहर, बीकानेर, राजस्थान।
दिनांक:10.01.2025
मो.7734968551