- विपक्ष अपना धर्म भूला – स्वामी अमरानन्द जी
- गाय को पशु कहना व समझना अज्ञानता श्री छैल बिहारी जी
- पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी द्वारा राज्य सरकार के द्वारा गोचर , ओरण के कब्जाधारियों को पट्टे जारी करने के निर्णय के खिलाफ बेमियादी धरना 43 वें दिन भी जारी रहा । धरने पर साधु संतों व गौ भक्तों शहरी व ग्रामीण क्षेत्र से आवागमन निर्वाध रूप से जारी है ।
आज गोचर दीवार निर्माण के लिए आज गुप्त सहयोग देने के लिए एक अज्ञात भामाशाह ने 2 लाख 51 हजार रूपये की राशि भाटी को भेंट की । वही फुसाराम माली ने 11 हजार रूपये भेंट किये । धरना स्थल पर गीतासार व गौ कथा का वाचन बालसंत श्रीप्रैल बिहारी जी द्वारा किया जा रहा है । धरना स्थल पर चल रही गौ कथा व गीतासार की पूर्णाहुति हवन के साथ शुक्रवार को होगी ।
भाटी प्रवक्ता सुनील बांठिया ने बताया कि आज धरना स्थल पर महंत स्वामी अमरानन्द जी भारती शिव घुणा , बापिणी जोधपुर से आये व पूर्व मंत्री भाटी को विजय का आशीर्वाद दिया ।
उपस्थित सैकड़ों गौ भक्तों को सम्बोधित करते हुए अमरानन्द जी ने कहा कि राजस्थान में गोचर व गायों के लिए लड़ने वाला एक ही राजऋषि देवी सिंह भाटी है । यह राजस्थान का दुर्भाग्य है कि यहां कि सता गायों की जमीन पर कुदृष्टि रखे हुए हैं वही विपक्ष भी अपना धर्म भूल गया है इसी कारण से इस मुद्दे पर चुप्प बैठा है । सरकार व विपक्ष में बैठे लोग यह भूल गये है कि गौ भक्त समय आने पर अपना हिसाब बराबर करेगें । गाय की बात पर मौन रहना इन सबको भारी पड़ेगा । अमरानन्द जी ने कहा कि आज धरने पर बैठे इतने दिन हो गये है सरकार इस पर संज्ञान नहीं ले रही है । जरूरत पड़ी तो संत शास्त्र छोड़ कर शस्त्र भी उठाना जानते है ।
बांठिया ने बताया गोपीदेवी – महेश कुमार व्यास दम्पति ने कथा की पूजा का दायित्व निभाया । इस अवसर पर गौ कथा करते हुए बालसंत ओछैल बिहारी जी ने गौ माता के संरक्षण , संवर्धन प्रसंग में बताया है कि वर्तमान में एक कुप्रथा चली है कि लोग शहरी क्षेत्र में गौ पालन नहीं कर सकते । वही सरकार अपने वोट बैंक के खातिर गोचर में अवैध कब्जेधारियों को प्रोत्साहित कर वहां पर पट्टे देकर अपना वोट का खजाना भरने की सोचती है । सरकार गोचर के ऊपर अपनी राजनीति कर रही है । उन्होंने कहा कि गौ माता के संरक्षण हेतु एकजुट होकर हमें आगे आना चाहिए । बेजुबान गौ माता की दुरासीष लेने वाले कभी अपना जीवन शांति और संकुन से नहीं गुजार पाते हैं । हमारे सनातन संस्कृति में कई महापुरूष ऐसे हुए हैं जिन्होंने गाय व ब्राहम्ण के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की गाय को पशु कहना व समझना अज्ञानता है ।
आज आधे साधु – संतों व बीकानेर जिले के बाहर से आये गौभक्तों का अभिनन्दन रामकिशन आचार्य पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा , समाजसेवी देवकिशन चांडक , अजरतन किराहू ने किया । आज धरना स्थल पर सैकड़ों लोग शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से पुरुष व महिलओं के जत्थे भाटी को समर्थन देने पहुंचे ।