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प्रदेश में आगामी एक वर्ष में सभी सीनियर सैकण्डरी विद्यालयों में आईसीटी क्लासेज शुरू की जाएंगी
-शिक्षा मंत्री
तृतीय श्रेणी शिक्षकों की स्थानांतरण नीति प्रक्रियाधीन, जल्द ही होगी जारी…
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विधानसभा में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा की मांगें ध्वनिमत से पारित
शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने दिया चर्चा का जवाब
प्रदेश में आगामी एक वर्ष में सभी सीनियर सैकण्डरी विद्यालयों में आईसीटी क्लासेज शुरू की जाएंगी
-शिक्षा मंत्री
तृतीय श्रेणी शिक्षकों की स्थानांतरण नीति प्रक्रियाधीन, जल्द ही होगी जारी
जयपुर, 01 मार्च। शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने बुधवार को राज्य विधानसभा में कहा कि प्रदेश के सभी 17 हजार 400 से अधिक सरकारी सीनियर सैकण्डरी विद्यालयों में आगामी एक वर्ष में आईसीटी क्लासेज प्रारम्भ कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए बीकानेर, उदयपुर एवं जयपुर में आईसीटी स्टूडियो स्थापित किए जा रहे हैं। इनके माध्यम से प्रदेश के किसी भी विद्यालय में विषय अध्यापक के रिक्त पद होने की स्थिति में वर्चुअल माध्यम से अध्यापन का कार्य कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की स्थानांतरण नीति पर कार्य चल रहा है। यह नीति जल्दी ही सबके सामने होगी।
शिक्षा मंत्री बुधवार को राज्य विधानसभा में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग से सम्बन्धित अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। सदन ने चर्चा के बाद प्राथमिक शिक्षा विभाग (मांग संख्या-20) की 189 अरब 85 करोड़ 40 लाख 53 हजार रुपए एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग (मांग संख्या-21) की 243 अरब 92 करोड़ 25 लाख 8 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि विभाग में कुल 81 हजार 122 पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी हैं जबकि 90 हजार 262 पदों पर भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं। साथ ही, विभिन्न संवर्गों में 50 हजार 169 पदोन्नतियां प्रदान की गई हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश में 317 नवीन प्राथमिक विद्यालय खोले गए हैं, जबकि 1456 प्राथमिक विद्यालयों को उच्च प्राथमिक, 1195 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक, 4443 माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक एवं 1197 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को सीधे उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत किया गया है। इसी प्रकार राज्य में बालिका शिक्षा को बढावा देने के लिए 115 बालिका प्राथमिक विद्यालयों को बालिका उच्च प्राथमिक, 400 बालिका माध्यमिक विद्यालयों को बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं 480 बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालयों को सीधे ही बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय स्तर पर क्रमोन्नत किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य के विद्यालयों में बालिकाओं की क्षमता संवर्धन के लिए रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 2.50 लाख छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के रुप में नवाचार की विशेष पहल की है। प्रदेश के इन विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक कक्षाएं भी शुरु की गई हैं। इन विद्यालयों के प्रति अभिभावकों एवं विद्यार्थियों का अच्छा रुझान सामने आया है। शिक्षा मंत्री ने जयपुर के विद्याधर नगर स्थित महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का उदाहरण दिया, जहां स्कूल की 30 सीटों पर प्रवेश के लिए 2600 आवेदन प्राप्त हुए।
डॉ. कल्ला ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 5 + 3 + 3 + 4 का नया शैक्षणिक मॉडल तैयार करते हुए कई परिवर्तन किए गए हैं। लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा एक साल बाद भी नई शिक्षा नीति को लागू करने हेतु राज्यों के लिए कोई बजट का प्रावधान नहीं किया गया है। जबकि प्रदेश में राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर कमेटियां गठित कर दी गई हैं।
शिक्षा मंत्री ने इस दौरान राज्य बजट 2023-24 में शिक्षा के क्षेत्र में की गई घोषणाओं का जिक्र किया, जो निम्न प्रकार है:-
-गत बजट के अनुसार युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी एवं अध्ययन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय पर सावित्री बाई फूले वाचनालय स्थापित करने का कार्य प्रारम्भ किया गया है। इसे और आगे बढ़ाते हुए अब समस्त ब्लॉक मुख्यालयों पर सावित्री बाई फूले वाचनालय मय डिजिटल लाईब्रेरी स्थापित की जा रही है।
-स्कूली विद्यार्थियों को रोडवेज बसों में उनके शिक्षण संस्थान से निवास स्थान तक दी जा रही छूट की परिधि को 50 किलोमीटर से बढ़ाकर 75 किलोमीटर किया जा रहा है।
-वर्तमान में राइट टू एजूकेशन एक्ट (आरटीई) के अंतर्गत कक्षा 1 से कक्षा 8 के विद्यार्थियों के लिए ही निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान है। पिछले बजट में राज्य सरकार के खर्चे पर छात्राओं के लिए कक्षा 9 से 12 तक निजी विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा जारी रखने की व्यवस्था की गई थी। अब छात्राओं के साथ ही छात्रों को भी आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश लेने के उपरान्त कक्षा 1 से 8 तक निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रावधान किये जाने की घोषणा की गई है। इसके लिए कक्षा 9 से 12 में शिक्षण के लिए देय फीस का पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा। इस पर 75 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
-प्रदेश के मेधावी छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित करने की दृष्टि से नेशनल टेलेंट सर्च एक्जाम (एनटीएसई) की तर्ज पर दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए राजस्थान टेलेंट सर्च एक्जाम (आरटीएसई) स्कॉलरशिप प्रारम्भ की जायेंगी। इसके अन्तर्गत 10 हजार मेधावी विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप दी जायेगी।
-प्रदेश में स्कूली विद्यार्थियों की अध्ययन सुविधा का विस्तार करने की दिशा में प्रदेश में 100 नवीन प्राथमिक विद्यालय खोले जाने के साथ ही 300 विद्यालयों को क्रमोन्नत किया जायेगा तथा 300 विद्यालयों में नवीन विषय खोले जायेंगे।
-राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर विज्ञान को ऐच्छिक विषय के रूप में लिए जाने का विकल्प दिया जायेगा।
-प्रत्येक ब्लॉक मुख्यालय पर एक-एक उच्च माध्यमिक विद्यालय में चारों संकाय – कला, वाणिज्य, विज्ञान एवं कृषि की सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी।
-राजकीय विद्यालयों में आधारभूत ढांचे के सुदृढीकरण एवं सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रदेश के 358 शैक्षणिक ब्लॉकों पर विशेष आवश्यकता वाले (स्पेशियली एबल्ड) विद्यार्थियों के लिए लर्निंग ऐड सामग्री युक्त संदर्भ कक्षों का निर्माण करवाया जायेगा। इसके लिए 40 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे।
-विद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं यथा-क्लास रूम, लैब्स, शौचालयों के निर्माण तथा जर्जर भवनों के रिपेयर आदि के 200 करोड़ रुपये की लागत से कार्य करवाये जायेंगे।
-आगामी वर्ष में शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में एक-एक हजार महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और खोले जायेंगे।
-जिन विद्यालयो में 200 से अधिक विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्राप्त करना चाहेंगे, वहाँ भी प्राथमिकता से इंग्लिश मीडियम विंग प्रारम्भ की जायेंगी।
-चरणबद्ध रूप से प्रदेश के समस्त सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एनएसएस एनसीसी/स्काऊट एंड गाइड्स की गतिविधियां प्रारम्भ की जाएंगी।
-नई पहल करते हुए प्रदेश में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं। ये विद्यालय गुणवत्ता की दृष्टि से किसी भी निजी विद्यालय से भी बेहतर हों, इस दृष्टि से एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन कर लॉंग टर्म स्ट्रेटेजी एवं एक्शन प्लान निर्धारित किया जायेगा।
-प्रदेश में शिक्षण एवं अन्य सुविधाओं के विस्तार के लिए राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय एवं स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल स्कूलों के संस्था प्रधानों व चयनित शिक्षकों को स्पोकन इंग्लिश, एडमिनिस्ट्रेशन एवं लीडरशिप डवलपमेंट के लिए ट्रेनिंग दी जायेगी।
-प्रदेश के 358 शैक्षणिक ब्लॉक मुख्यालयों पर स्कूलों/कॉलेजों में 20 करोड़ रुपये की लागत से इंग्लिश लैंग्वेज लैब्स की स्थापना की जायेगी। इससे 50 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
-महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्री-स्कूल एजूकेशन उपलब्ध कराने के निर्णय के साथ-साथ चरणबद्ध रूप से प्ले एलीमेंट्स भी लगाये जायेंगे। इस पर आगामी वर्ष 50 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
-आईसीटी परियोजना के तहत 4 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 256 करोड़ रुपये की लागत से कम्प्यूटर लैब्स स्थापित की जायेंगी।
-महाराव शेखाजी आर्म्ड फोर्सेज ट्रेनिंग एकेडमी, सीकर तथा सर्विसेज प्रीपरेटरी इंस्टीट्यूट, औरंगाबाद की तर्ज पर संभाग स्तर पर एक-एक उच्च माध्यमिक विद्यालय में डिफेंस सर्विसेज प्रीपरेटरी इंस्टीट्यूट की स्थापना की जायेगी। इन पर 35 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
-समस्त आवासीय तथा चयनित विद्यालयों में कक्षा 11वीं व 12वीं के विद्यार्थियों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग के साथ-साथ वर्कशॉप में कार्य करने की सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से ‘महात्मा गांधी बुनियादी शिक्षा केन्द्र’ शुरू किये जायेंगे एवं आगामी वर्ष इसके लिए 50 करोड़ रुपये का व्यय होगा।-प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका, एकलव्य, देवनारायण तथा अन्य सभी आवासीय विद्यालयों के साथ-साथ एससी/एसटी/ओबीसी/एमबीसी सहित सभी छात्रावासों में आधुनिकीकरण एवं आधारभूत सुविधाओं के विभिन्न कार्य 100 करोड़ रुपये की लागत से करवाये जायेंगे।

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