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स्पेशल चाइल्ड बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अतिरिक्त श्रम और सहयोग की आवश्यकता
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बीकानेर *किसी के सपनों को पंख दें,आओ कुछ पल बिताये कुछ खास बच्चो के संग -अध्यक्ष ऋतु मित्तल* ने बताया कि आज का दिन हम सभी के लिये बहुत ही ख़ास रहा*

मीरा शाखा भारतीय विकास परिषद के सदस्यों द्वारा विशेष जरूरत वाले बच्चों( स्पेशल चाइल्ड) के साथ समय व्यतीत किया मीरा शाखा की महिलाओं ने समाज में नई पहल करते हुए विशेष जरूरत (स्पेशल चाइल्ड) वाले बच्चों से शाइनिंग स्टार एंड हेल्थ केयर में रूबरू हुए। उन्होंने शाइनिंग स्टार सेंटर में जाकर स्पेशल बच्चों के साथ साथ उनके परिवार एवं उन को होने वाली परेशानी एवं उनके मानसिक विकास में होने वाली दिक्कत को उनके चिकित्सक व थेरेपिस्ट से समझा
शाइनिंग स्टार हेल्थ केयर के संस्थापक डॉक्टर सुचिता बोथरा एवं मनोज रंगा ने बताया कि हमारे समाज में कुछ बच्चों का मानसिक विकास अपेक्षित रूप से नहीं हो पाता है जिसके कारण से यह बच्चे समाज में कंधे से कंधा मिलाकर नहीं चल सकते हैं एवं मानसिक रूप से पिछड़े हुए रह जाते हैं ऐसे बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अतिरिक्त श्रम की आवश्यकता होती है, अगर ऐसे बच्चों को शुरू से ही पहचान कर इन्हें स्पेशल एजुकेशन दी जाए तो यह लोग बाकी लोगों के समकक्ष चलने के लायक हो जाते हैं। यह स्पेशल एजुकेशन ऑक्यूपेशनल थेरेपी,फिजियोथैरेपी, कोर डेवलपमेंटल थेरेपी, बिहेवियर थेरेपी, अथवा प्ले थेरेपी के रूप में हो सकती है।
मीरा शाखा के सदस्यों ने इन विशेष बच्चों के साथ समय बिताते हुए इनकी तकलीफों के बारे में जाना तथा अलग-अलग थैरेपिस्ट की मदद से उन्हें दिए गए उपचार को समझा। इस अवसर पर रीजनल मंत्री श्रीमती शशि चुघ, अध्यक्ष ऋतु मित्तल, सचिव छवी गुप्ता ललिता कालरा, अंजू रामपुरिया रेणु माथुर आदि सदस्यों ने फूल जैसे मासूम बच्चों की मुरझाहट को समझा एवं उनके अभिभावकों के दर्द को महसूस किया।
मीरा शाखा की तरफ से आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को विशेष थेरेपी में आर्थिक सहयोग देने का आश्वासन दिया व साथ ही साथ दो बच्चो की जिम्मेदारी भी ले ली है।
मीरा शाखा इस संदर्भ मे सरकार से भी गुज़ारिश करती है की वो भी ऐसी संस्थाओं को सहयोग करे!

स्पेशल चाइल्ड बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अतिरिक्त श्रम और सहयोग की आवश्यकता

किसी कि सपनों को पंख दें,आओ कुछ पल बिताये कुछ खास बच्चो के संग -अध्यक्ष ऋतु मित्तल ने बताया कि आज का दिन हम सभी के लिये बहुत ही ख़ास रहा मीरा शाखा भारतीय विकास परिषद के सदस्यों द्वारा विशेष जरूरत वाले बच्चों( स्पेशल चाइल्ड) के साथ समय व्यतीत किया मीरा शाखा की महिलाओं ने समाज में नई पहल करते हुए विशेष जरूरत (स्पेशल चाइल्ड) वाले बच्चों से शाइनिंग स्टार एंड हेल्थ केयर में रूबरू हुए। उन्होंने शाइनिंग स्टार सेंटर में जाकर स्पेशल बच्चों के साथ साथ उनके परिवार एवं उन को होने वाली परेशानी एवं उनके मानसिक विकास में होने वाली दिक्कत को उनके चिकित्सक व थेरेपिस्ट से समझा
शाइनिंग स्टार हेल्थ केयर के संस्थापक डॉक्टर सुचिता बोथरा एवं मनोज रंगा ने बताया कि हमारे समाज में कुछ बच्चों का मानसिक विकास अपेक्षित रूप से नहीं हो पाता है जिसके कारण से यह बच्चे समाज में कंधे से कंधा मिलाकर नहीं चल सकते हैं एवं मानसिक रूप से पिछड़े हुए रह जाते हैं ऐसे बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अतिरिक्त श्रम की आवश्यकता होती है, अगर ऐसे बच्चों को शुरू से ही पहचान कर इन्हें स्पेशल एजुकेशन दी जाए तो यह लोग बाकी लोगों के समकक्ष चलने के लायक हो जाते हैं। यह स्पेशल एजुकेशन ऑक्यूपेशनल थेरेपी,फिजियोथैरेपी, कोर डेवलपमेंटल थेरेपी, बिहेवियर थेरेपी, अथवा प्ले थेरेपी के रूप में हो सकती है।
मीरा शाखा के सदस्यों ने इन विशेष बच्चों के साथ समय बिताते हुए इनकी तकलीफों के बारे में जाना तथा अलग-अलग थैरेपिस्ट की मदद से उन्हें दिए गए उपचार को समझा। इस अवसर पर रीजनल मंत्री श्रीमती शशि चुघ, अध्यक्ष ऋतु मित्तल, सचिव छवी गुप्ता ललिता कालरा, अंजू रामपुरिया रेणु माथुर आदि सदस्यों ने फूल जैसे मासूम बच्चों की मुरझाहट को समझा एवं उनके अभिभावकों के दर्द को महसूस किया।
मीरा शाखा की तरफ से आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को विशेष थेरेपी में आर्थिक सहयोग देने का आश्वासन दिया व साथ ही साथ दो बच्चो की जिम्मेदारी भी ले ली है।
मीरा शाखा इस संदर्भ मे सरकार से भी गुज़ारिश करती है की वो भी ऐसी संस्थाओं को सहयोग करे!

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