जयपुर की प्रेमलता सोनी को प्रथम पुरस्कार। बीकानेर के सुनील गज्जाणी व बैंगलोर के माणक तुलसीराम गौैड़ सहित आठ रचनाकार होंगे सम्मानित।

।श्रीडूंगरगढ़ बीकानेर। तोलाराम मारू ।
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बीकानेर। लोक चेतना की राजस्थानी त्रैमासिकी राजस्थली द्वारा आयोजित श्री भीष्मदेव राजपुरोहित स्मृति अखिल भारतीय राजस्थानी लघुकथा प्रतियोगिता के परिणाम घोषित कर दिए गये हैं। इस आशय की जानकारी देते हुए राजस्थली के प्रधान संपादक श्याम महर्षि ने बताया कि जयपुर की प्रेमलता सोनी प्रथम, बीकानेर के सुनील गज्जाणी द्वितीय एवं बैंगलोर के माणक तुलसीराम गौड़ तृतीय स्थान पर रहे हैं। परिणाम साझा करते हुए पत्रिका के प्रबंध संपादक रवि पुरोहित ने कहा कि कुल 54 लघुकथाकारों की प्रविष्टियां प्राप्त हुई थी। जिनका अंक आधारित मूल्यांकन तीन विद्वानों क्रमशः माधव नागदा, नाथद्वारा, डॉ. रामकुमार घोटड़, सादुलपुर एवं डॉ. अनिता वर्मा, कोटा से करवाया गया। तीनों निर्णायकों द्वारा प्रदत्त अंकों के योग के आधार पर निर्णय घोषित किया गया है। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान के लिए चयनित लघुकथाकारों को 14 सितम्बर को श्रीडॅूंगरगढ में आयोज्य समारोह में क्रमशः 2100, 1500 एवं 1100 रुपए की नगद राशि, स्मृति चिह्न, सम्मान-पत्र आदि अर्पित किये जायेंगे। उक्त तीन लघुकथाकारों के अलावा दीनदयाल शर्मा, हनुमानगढ, डॉ. नमामीशंकर आचार्य, बीकानेर, पूर्णिमा मित्रा, बीकानेर, शकुंतला पालीवाल, उदयपुर और शिवराज भारतीय, नोहर को राजस्थली क्लब से निशुल्क जोड़ा जाएगा और इन्हें पांच वर्षो तक पत्रिका भेजी जाएगी। अन्य चयनित लघुकथाओं को राजस्थली पत्रिका में यथोचित स्थान प्रदान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भीष्म देव राजपुरोहित प्रसिद्ध साहित्यकार रवि पुरोहित के दादाजी थे। पूर्व शिक्षक शिष्य तोलाराम मारू ने बताया कि गुरूजी भीष्म देव राजपुरोहित जी ने उस दोर में महिला शिक्षा का बीड़ा उठाया।जब युवा लड़कियों को अकेले घर से निकलना लगभग वर्जित था। राज्य स्तरीय पुरस्कार और श्रीडूंगरगढ़ आगजन द्वारा वर्ष 1991 में नागरिक अभी से अलंकृत समादृत गुरूदेव की व्याकरण की क ई पुस्तकें माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल रहीं हैं।