बीकानेर, दिनांक 24 जून. विश्व विटिलिगो दिवस 25 जून को पीबीएम के चर्म रोग विभाग में सफेद दाग जागरुकता शिविर आयोजित होगा । सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुजंन सोनी, ने बताया कि इस शिविर में सफेद दाग सबंधित उपलब्ध दवाईयो से इलाज एवं सामाजिक भांतियो को दूर किया जायेगा एवंम सफेद दाग का सर्जरी द्वारा इलाज के लिये मरीजो का चिन्हित कर सर्जरी की जायेगी।
पीबीएम अस्पताल के चर्म रोग विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. आर.डी. मेहता के अनुसार सफेद दाग एक आनुवांशिक एवम् मुख्य रुप से स्वंय प्रतिरोधक क्षमता खराब होने के कारण होता है। यह किसी भी उम्र में शुरु हो सकता है। सफेद दाग में मैलेनोसाइट नामक कोशिकाएं नष्ट होने लग जाती है। स्किन पर सभी तरह के सफेद निशान विटिलिगो नही होते है, कुछ सफेद निशान दाद या धूप की एलर्जी से भी हो सकते है। सफेद दाग का समय पर इलाज करवाने से आगे बढ़ने से रोका जा सकता है एवं ठीक भी हो जाते है।
चर्म रोग विभाग के आचार्य डॉ. बी.सी. घीया ने बताया कि सफेद दाग को सर्जरी द्वारा भी ठीक किया जा सकता है, लेकिन इसमें कुछ मापदण्ड होते है, जैसे यदि सफेद दाग एक साल से बढने से रुक चुका हो एवं थोडे हिस्सो में हो तो मरीज की खुद की दूसरी जगह की चमडी को विभिन्न तरीको से ग्राफ्ट की जाती है। मुख्यतः चेहरे एवं खुली जगह पर ज्यादा फायदा होता है। एक साधारण सर्जरी द्वारा अच्छे परिणाम मिलते है।
सफेद दाग के लिए काफी कारगर दवाईया एवं फोटोथेरेपी द्वारा भी इलाज किया जाता है। समय रहते इलाज करने से यह बीमार नियंत्रित की जा सकती है, लेकिन तेजी से बढती बीमारी को नियंत्रित करना मुश्किल होता होता है।
सफेद दाग कई अन्य ओटोइम्मयून बीमारीयो के साथ भी हो सकता है जैसे- हाइपोथाइरोडिजम, मधुमेह, गठिया इत्यादि। जिन मरीजो का सफेद दाग पूर्ण शरीर में हो चुका हो उनको धूप से सम्पूर्ण बचाव रखना चाहिए अन्यथा चमडी जल सकती है। सफेद दाग छूआछूत की बीमारी नही है और ना ही कुष्ठ रोग है। समय रहते इलाज करवाया जाये तो इसे ठीक एवं नियंत्रित किया जा सकता है।