कोलकाता. माहेश्वरी पुस्तकालय के १११वें स्थापना दिवस पर, संस्थापकों को नमन करते हुए, उनकी मातृभाषा राजस्थानी के एक विराट कविसम्मेलन स्थानीय कलामन्दिर प्रेक्षागृह में किया गया। मायड़भासा हेत आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधान वक्ता के रूप में बोलते हुए, प्रबुद्ध चिन्तक सीताराम शर्मा ने मातृभाषा के महत्त्व पर प्रकाश डाला।
प्रधान अतिथि विकास माधोगढ़िया ने आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन, मायड़भासा के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। माहेश्वरी सभा के सभापति बुलाकीदास मिम्माणी ने सभा और उसकी शाखाओं की गतिविधियों की जानकारी दी। समारोह अध्यक्ष, कवयित्री शकुन्तला करनाणी (चेन्नई) ने “निज भाषा” से अपनी संस्कृति और पहचान से जुड़ाव की बात करते हुए, युवा पीढ़ी को मायड़भासा से जोड़ने की आवश्यकता बताई। इससे पहले, वनबंधु समाजसेविका शान्ता सारडा ने सरस्वती के चित्र पर शतदल अर्पण कर, समारोह का उद्घाटन किया। पुस्तकालय के अध्यक्ष, विश्वनाथ चाण्डक ने आगन्तुकों का स्वागत किया तथा उपाध्यक्ष, राधेश्याम झँवर ने धन्यवाद दिया।
पुस्तकालय की शतदल अर्पण कार्यक्रम शृंखला के अन्तर्गत राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए जनजागरण अभियान के रूप में, मायड़भासा हेत शीर्षक कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि पुस्तकालय के संस्थापकों को प्रणाम निवेदित करने ही कविसम्मेलन आयोजित किया गया है। इस अवसर को रेखांकित करते हुए, राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता के लिए संघर्षरत लाडेसर रतन शाह को “मायड़भासा हेत सम्मान” से सम्मानित किया गया।
राजस्थान सूचना केन्द्र कोलकाता के प्रभारी एवं सूचना व जनसम्पर्क विभाग, राजस्थान सरकार के सहायक निदेशक हिंगलाजदान रतनूँ ने मायड़भासा राजस्थानी भाषा-संस्कृति और कविसम्मेलन के महत्त्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर पधारे कवियों को पुस्तकालय से जुड़े कवियों की स्मृति में सम्मानित किया गया। अ. भा. मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, शिवकुमार लोहिया ने कविश्री कल्याण सिंह शेखावत को महाकवि अम्बु शर्मा स्मृति नैणसी सम्मान प्रदान किया। राजस्थानी स्तम्भ लेखक और कवि बंसीधर शर्मा ने कविश्री कैलाश मण्डेला को भगवतीप्रसाद चौधरी स्मृति तुलसी-चन्नण सम्मान प्रदान किया। कवयित्री पुष्पा सोनी (गुवाहाटी) ने कवयित्री मोनिका गौड़ को जोशी निर्भीक स्मृति गवरल सम्मान प्रदान किया। राजस्थान परिषद् के महामंत्री अरुण मल्लावत ने कविश्री कैलासदान कविया को गोपालकृष्ण तिवाड़ी स्मृति मायड़भौम सम्मान प्रदान किया। माहेश्वरी सभा के उपमंत्री अशोक चाण्डक ने कविश्री शंकरसिंह राजपुरोहित को चम्पालाल मोहता “अनोखा” स्मृति रजवण सम्मान प्रदान किया। सम्मान राशि के रूप में प्रत्येक कवि को ₹पच्चीस हजार प्रदान किये गये। कार्यक्रम को सफल बनाने में अशोक लढ्ढा, राजकुमार डागा, संगीतालय मंत्री महेश दम्माणी, जयन्त डागा, मुकेश बिन्नाणी, पञ्चानन भट्ठड़, किशोर दम्माणी, देवेन्द्र बागड़ी, आदित्य बिन्नाणी आदि सक्रिय रहे। परचम के संस्थापक मुकुंद राठी, सभा मंत्री पुरुषोत्तम दास मूँधड़ा, सेवा समिति मंत्री अरुण सोनी, समाजोत्थान समिति मंत्री मनमोहन राठी सहित बहुत से संस्थाओं के पदाधिकारी और महानगर के गण्यमान्य जन इस अवसर पर उपस्थित रहे।