बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के ट्रांसपोर्टरों द्वारा शुरू की गई हड़ताल का असर अब चौथे दिन भी पूरे राजस्थान में देखने को मिल रहा है। बंद का कारण बीपीसीएल के अधिकारियों द्वारा ट्रांसपोर्टर का वित्तीय शोषण एवं प्लांट में चल रहा भ्रष्टाचार है।उसके कारण बीकानेर में गैस ट्रांसपोर्टेशन आधा हो चुका है। जिले के 26 ट्रांसपोर्टरों ने बंद में हिस्सा लेते हुए अपनी गाड़ियां खड़ी कर दी हैं। हालांकि अनुबंध की शर्तों के चलते कोई भी ट्रांसपोर्टर खुलकर मीडिया में बयान नहीं दे रहा है।
कंपनी पर लगाया ट्रांसपोर्टरों का शोषण करने का आरोप
ट्रक ऑपरेटरों का आरोप है कि बीपीसीएल कंपनी जानबूझकर विभिन्न तरीकों से ट्रांसपोर्टरों पर गलतियां थोप रही है ताकि डिस्ट्रीब्यूटर्स को लाभ पहुंचाया जा सके। अन्य गैस कंपनियों में “फर्स्ट ईन, फर्स्ट आउट” की प्रणाली लागू है, लेकिन बीपीसीएल में इसे ताक पर रखकर कुछ अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार करते हुए एजेंसियों की गाड़ियां भरी जा रही हैं। इसके साथ ही, ट्रांसपोर्टरों द्वारा लाए गए सिलेंडरों के ढक्कन गायब होने की स्थिति में बिना ठोस प्रमाण के उन पर जुर्माना लगाया जा रहा है और राशि की कटौती की जा रही है।
सुरक्षा सील के बावजूद ट्रांसपोर्टर को दोषी ठहराना
गौरतलब है कि बीपीसीएल द्वारा गैस सिलेंडरों से भरी गाड़ियां सील लगाकर रवाना की जाती हैं ताकि रास्ते में किसी प्रकार की छेड़छाड़ न हो। इसके बावजूद, ट्रांसपोर्टरों और उनके ड्राइवरों पर सिलेंडरों की कैप निकालने का आरोप लगाया जा रहा है, जिससे उनमें भारी रोष है।
प्रशासन की पहल अधूरी, संवाद ठप
सूत्रों के अनुसार, दो-तीन दिन पूर्व जिला प्रशासन और खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने ट्रांसपोर्टरों से वार्ता की थी, लेकिन उसके बाद से कोई संवाद नहीं हुआ। इस वजह से मामला अब और गंभीर होता जा रहा है।
प्रतिदिन 60 गाड़ियां आती हैं बीकानेर में, सप्लाई पूरी तरह से रुकी
बीकानेर में प्रतिदिन लगभग 60 गैस गाड़ियां आती हैं, जिनमें से आधे से अधिक ट्रांसपोर्टरों की होती हैं। अब इन गाड़ियों की आवाजाही रुकने से गैस एजेंसियों को सप्लाई नहीं मिल रही है। जानकारों का मानना है कि जल्द ही शहर में एलपीजी सिलेंडरों की भारी किल्लत देखी जा सकती है।
बीपीसीएल अधिकारी दिखा रहे हैं हठधर्मिता
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि उनकी समस्याएं लगातार अनसुनी की जा रही हैं और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी किसी भी प्रकार की सकारात्मक पहल नहीं कर रहे हैं। इस हड़ताल से जहां उपभोक्ताओं को परेशानी उठानी पड़ रही है, वहीं ट्रांसपोर्टरों को भी हर दिन का बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
किसी किसी भी गैस कंपनी में सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है सुरक्षा की बीपीसीएल द्वारा अपनी हठ के तहत किस प्रकार सुरक्षा के नियमों को ताक में रखा जाता है – जिन व्यक्तियों को नशे के चलते बीपीसीएल बैन कर चुका है उन्हीं व्यक्तियों का गलत तरीके से बैन हटाकर गाड़ियों का लोड करवा कर प्लांट का संचालन करवाया जा रहा है।
पूरे भारत में गाड़ियों का संचालन रात्रि 11:00 बजे से सुबह 5:00 तक प्रतिबंधित है क्योंकि इस समय में किसी भी दुर्घटना के वक्त तुरंत सहायता नहीं पहुंच सकती है वही बीपीसीएल सुरक्षा के नियमों को ताक में रखते हुए डिस्ट्रीब्यूटर की गाड़ियों को चलने दिया जा रहा है। रात्रि में गोदाम पर गाड़ियां खाली करवाई जा रही है
बीपीसीएल ट्रांसपोर्टरों की बंद का चौथा दिन
बीकानेर समेत पूरे राजस्थान में गैस सिलेंडर की सप्लाई ठप!
बीपीसीएल के ट्रांसपोर्टरों ने शोषण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
आरोप: कंपनी बिना कसूर ट्रक ड्राइवरों पर ढक्कन गायब होने का दोष डाल रही है
बीकानेर के 26 ट्रांसपोर्टर भी हड़ताल में शामिल
हर दिन 60 में से 30 गाड़ियां बीकानेर की होती हैं – सप्लाई पूरी तरह रुकी
गैस एजेंसियों को नहीं मिल रही गाड़ियां, होम डिलीवरी बंद
जिला प्रशासन की बातचीत अधूरी, कंपनी का रवैया अड़ियल
जल्द हल नहीं निकला तो बीकानेर में गैस सिलेंडर की किल्लत तय!
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