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राष्ट्रीय महिला आयोग आपके द्वार के तहत हुई जनसुनवाई
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*पीड़ित महिलाओं को न्याय देने के लिए आयोग प्रतिबद्ध, संवेदनशीलता से काम करें अधिकारी- श्रीमती रहाटकर*
*जनसुनवाई में आए 90 से अधिक प्रकरण*

बीकानेर, 26 नवंबर। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर ने कहा कि पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए आयोग प्रतिबद्ध है। महिला अधिकारों से जुड़े प्रकरणों को प्राथमिकता से सुनते हुए ऐसे प्रकरणों में न्याय दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा।
श्रीमती रहाटकर ने मंगलवार को सर्किट हाउस में ‘राष्ट्रीय महिला आयोग आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत जनसुनवाई करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर श्रीमती रहाटकर ने कहा कि पीड़ित महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर दिल्ली तक नहीं पहुंच पाती, ऐसे में राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा इस पहल के तहत जनसुनवाई कर न्याय दिलाने की पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा महिलाओं से जुड़े मामलों में अतिरिक्त संवेदनशीलता का परिचय देते हुए कार्रवाई की जाए। उन्होंने विभिन्न प्रकरणों में पुलिस से वस्तुस्थिति की जानकारी ली। प्रकरणों में परिवादी पक्ष की बात सुनते हुए श्रीमती रहाटकर ने कहा कि महिला अधिकार सुरक्षित करने के लिए आयोग द्वारा ऐसा वातावरण निर्माण करने का प्रयास किया जाएगा, जिसमें पीड़ित पक्ष अपनी परेशानी पर खुलकर बोले। किसी डर, भय या दबाव के चलते महिलाएं प्रताड़ित न रहें।
उन्होंने महिला परिवादियों से ना डरने की अपील करते हुए कहा कि कानून, पुलिस, प्रशासन और आयोग पीडिताओं के साथ है। महिलाएं अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ मजबूत होकर खड़ी हों। उनकी हर संभव सहायता की जाएगी।

*पुलिस से की गई कार्रवाई के संबंध में मांगे जवाब*
जनसुनवाई के दौरान आयोग अध्यक्ष ने पुलिस थानों, न्यायालयों में विभिन्न स्तरों पर लम्बित तथा प्रकियाधीन 45 प्रकरणों में सुनवाई की। 
एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए श्रीमती रहाटकर ने पुलिस से अनुसंधान रिपोर्ट निर्धारित सीमा में आयोग भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता पड़े तो पुलिस दोनों पक्षों के साथ काउंसलिंग करें। किसी प्रकरण में आरोपी को यदि पाबंद किया जाता है, उनमें डाटाबेस तैयार करते हुए यह देखें कि भविष्य में उसी आरोपी द्वारा महिलाओं को परेशान तो नहीं किया जा रहा है। यदि ऐसी कोई स्थिति मिलती है तो सख्त कार्रवाई की जाए।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने आवश्यकता पड़ने पर पीड़ित पक्ष को निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वंचित और कमजोर वर्ग की महिलाओं के साथ हुए अत्याचार के संदर्भ में भी पुलिस प्रो-एक्टिव होकर काम करें। महिलाओं का विश्वास पुलिस प्रशासन में और मजबूत हो। 
इस दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्रीमती ममता और डॉ अर्चना मजूमदार ने भी परिवादियों से बातचीत की। डॉ मजूमदार ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर परिवादी और प्रतिपक्ष को काउंसलिंग के लिए दिल्ली बुलाया जाएगा तथा पुलिस के साथ निरंतर पत्राचार कर प्रकरणों का फॉलोअप कर कार्रवाई सुनिश्चित करवाई जाएगी। महिला आयोग सदस्य श्रीमती ममता ने विभिन्न प्रकरणों में समय पर रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए।
जनसुनवाई के दौरान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री सुमित गोदारा, बीकानेर पूर्व से विधायक सुश्री सिद्धि कुमारी, संभागीय आयुक्त श्रीमती वंदना सिंघवी, आईजी पुलिस श्री ओम प्रकाश, जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक श्री कावेन्द्र  सिंह सागर, राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सचिव श्रीमती मीनाक्षी नेगी, नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष, नगर विकास न्यास सचिव अपर्णा गुप्ता, सीईओ जिला परिषद सोहनलाल, विजय आचार्य, अविनाश जोशी, मनीष सोनी, मुकेश नायक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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